आरोप क्या है?
छापेमारी के समय दिल्ली की आप सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा, “ऐसा सुनने में आ रहा है कि मुख्यमंत्री जी के सचिव के घर पर रेड हो रही है। ये क्या हो रहा है? हमें डराने-धमकाने की कोशिश हो रही है। प्रधानमंत्री को कहना चाहती हूं हम डरने वाले नहीं हैं।”
बता दें कि ईडी दिल्ली जल बोर्ड की टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताओं की जांच कर रही है। सीबीआई और एसीबी की एफआईआर के आधार पर ईडी कार्रवाई कर रही है। एफआईआर में सीबीआई ने आरोप लगाया है कि दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों ने इलेक्ट्रोमैग्नेटिक मीटरों की आपूर्ति, उन्हें लगाने, टेस्टिंग और कमीशनिंग के लिए टेडंर देते समय एक कंपनी को लाभ पहुंचाया।
पिछले सप्ताह एक बयान में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा, “जांच में पता चला कि एनकेजी इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ठेके हासिल किए। जगदीश कुमार इस बात से अवगत थे कि कंपनी के पास तकनीकी योग्यता नहीं है। एनकेजी इन्फ्रास्ट्रक्चर ने काम का ठेका इंटीग्रल स्क्रूज लिमिटेड को दिया जिसकी प्रोपराइटरशिप अनिल अग्रवाल के पास है। अनिल कुमार अग्रवाल ने कैश और बैंक अकाउंट में ट्रांसफर के जरिए जगदीश कुमार को 3 करोड़ रुपए की रिश्वत दी। जांच में पता चला कि रिश्वत का पैसा लेने के लिए जगदीश कुमार अरोड़ा के करीबी लोगों और रिश्तेदारों के बैंक अकाउंट का इस्तेमाल किया गया।”