iNCOVACC भंडारण आसान – भारत बायोटेक भारत बायोटेक के अनुसार, iNCOVACC भंडारण आसान है। iNCOVACC का वितरण भी बेहद आसान है। इसे सिर्फ दो से आठ डिग्री सेल्सियस पर रखा जा सकता है। वैक्सीन को अमेरिका के मिसूरी के सेंट लुइस स्थित वॉशिंगटन विश्वविद्यालय के संग साझेदारी में विकसित किया गया है।
पहले इसे आपातकालीन उपयोग के लिए दी गई थी मंजूरी केंद्र सरकार ने इससे पहले भी नेजल वैक्सीन को मंजूरी दी गई थी। 6 सितंबर को भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने उस समय केवल आपातकालीन उपयोग के लिए इसको मंजूरी दी थी। डीसीजीआई ने 18 साल के ऊपर के लोगों को इसकी मंजूरी दी थी।
नेजल वैक्सीन कैसे काम करती जानें नेजल स्प्रे वैक्सीन को नाक के जरिए दिया जाता है। यह नाक के अंदरुनी हिस्सों में इम्यून तैयार करती है। अंदरूनी हिस्सों में इम्युनिटी तैयार होने से ऐसे बीमारियों को रोकने में ज्यादा असरदार साबित होती है जो हवा के जरिए फैलती है। नेजल वैक्सीन के एक्सपर्ट का कहना है कि, अन्य वैक्सीनों की तुलना में नेजल वैक्सीन बेहतर और कारगर साबित होगी। इसकी दो खुराक दी जाती है।
कोरोनावायरस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की आज एक और बैठक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया बढ़ते कोविड मामलों को लेकर शुक्रवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कोरोना पर उच्चस्तरीय बैठक में उन्होंने कोविड-19 पर ताजा स्थितियों का जायजा लिया।
बीएफ.7 बना कोरोना का नया खतरा चीन, जापान, अमेरिका, दक्षिण कोरिया, फ्रांस, ग्रीस, इटली समेत कई देशों में बड़ी संख्या में कोरोनावायरस के मामले सामने आ रहे हैं। केंद्र सरकार ने कोरोना के नए वैरिएंट बीएफ.7 से संक्रमण को रोकने के लिए विदेश से आने वाले यात्रियों को लेकर खास दिशा-निर्देश दिए हैं।