सरकार का पक्ष रख रहे तुषार मेहता ने जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली बेंच को बताया कि, सुप्रीम कोर्ट में धनशोधन निवारण कानून से जुड़े कुल मामलों में 67000 करोड़ रुपये मूल्य के आर्थिक अपराध शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट पीएमएलए (PMLA) के तहत अपराध की आय की तलाशी, जब्ती, जांच और कुर्की के लिए प्रवर्तन निदेशालय को उपलब्ध शक्तियों के व्यापक दायरे को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली बेंच के अन्य सदस्य जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार हैं।
हाई कोर्ट ने हिंदी को राष्ट्रीय भाषा बताया, सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
मेहता ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) मौजूदा समय में 4,700 मामलों की जांच कर रहा है। उन्होंने बताया कि गत पांच साल के दौरान ईडी के द्वारा जांच के नये मामले वर्ष 2105-16 के 111 मामले से 2020-21 के 981 मामले के दायरे में हैं। सुप्रीम कोर्ट ईडी को पीएमएलए के तहत प्राप्त शक्तियों के वृहद दायरे को चुनौती देती याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। ईडी को पीएमएलए के तहत जांच, जब्ती, सर्च और संपत्ति जब्त करने का अधिकार है।