हजारों सहायक पुलिसकर्मियों ने वेतन बढ़ाने और सेवा स्थायी करने की मांग को लेकर पिछले दो हफ्ते से रांची के मोरहाबादी मैदान में डेरा डाल रखा था। इनमें महिलाओं की भी खासी तादाद है। तीन दिन पहले उन्होंने राजभवन का घेराव करने की कोशिश की थी, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें रोक दिया था। शुक्रवार को उन्होंने सीएम हाउस का घेराव करने का ऐलान कर रखा था। इसे देखते हुए राज्य सरकार के आला अफसरों ने उनके प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए आमंत्रित किया। वार्ता के दौरान सरकार की ओर से वेतन में 20 प्रतिशत वृद्धि और उनकी सेवा को एक साल के एक्सटेंशन का प्रस्ताव रखा गया।
वार्ता के बाद झारखंड पुलिस मुख्यालय में एडीजी मुख्यालय आरके मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि सहायक पुलिसकर्मियों का अनुबंध एक साल बढ़ाने और पुलिस बहाली में आरक्षण देने पर सहमति बन गयी है। सहायक पुलिसकर्मियों को आश्वासन दिया गया है कि नौ अगस्त से समाप्त हो रहा उनका अनुबंध एक साल के लिए और बढ़ाया जाएगा। उनके वेतन भत्ते में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जा रही है। इसके अलावा झारखंड पुलिस में होने वाली बहाली में उन्हें आरक्षण दिया जाएगा।
दूसरी तरफ आंदोलन की अगुवाई कर रहे विवेकानंद ने वार्ता से लौटकर अपने साथियों से कहा कि हमारी मांगों को नहीं माना जा रहा है। इसके बाद मोरहाबादी मैदान में जमा सहायक पुलिसकर्मी नारेबाजी करते हुए सीएम हाउस की तरफ बढ़ने लगे। सुरक्षा बलों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो वे उग्र हो उठे। उन्होंने तीन-चार बैरिकेडिंग तोड़ दी है। पुलिस की गाड़ियों पर पथराव किया गया। वज्र वाहन पर भी आंदोलित सहायक पुलिसकर्मियों ने कब्जा कर लिया और उसके टायर की हवा निकाल दी। सुरक्षाबलों ने लाठीचार्ज किया तो उन्होंने उनके डंडे छीनकर उन्हीं की पिटाई कर दी। आंदोलनकारियों का एक बड़ा जत्था सीएम आवास के पास पहुंच गया है।