“सुझावों को नहीं किया लागू” रिपुन बोरा ने पत्र में कहा कि उन्होंने ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को असम में टीएमसी (TMC) को स्वीकार्य बनाने के लिए कई सुझाव दिए थे, लेकिन उन सुझावों को लागू नहीं किया गया। बोरा ने पत्र में लिखा कि असम में टीएमसी में काफी संभावनाएं है, लेकिन कई मुद्दों ने हमारी प्रगति में बाधा डाली है। जिसमें टीएमसी को पंश्चिम बंगाल की क्षेत्रीय पार्टी के रूप में माना जाना भी शामिल है।
ममता पर फोड़ा ठीकरा रिपुन बोरा ने दावा किया कि उन्होंने टीएमसी के राष्ट्रीय स्तर पर एक असमिया नेता की आवश्यकता, इसके साथ ही कोलकाता के टॉलीगंज में भारत रत्न डॉ भूपेन हजारिका के आवास को एक विरासत स्थल घोषित करने व कूचबिहार में मधुपुर सत्र को एक सांस्कृतिक केंद्र में परिवर्तित करने का सुझाव दिया था, लेकिन कुछ भी नहीं हुआ।
दो साल से अधिक किया काम
बोरा ने कहा कि पिछले डेढ़ साल में इन चिंताओं को दूर करने के लिए आपसे और ममता दीदी से मिलने का समय लेने की कई बार कोशिश की, लेकिन मैं असफल रहा। बोरा ने कहा कि उन्होंने असम टीएमसी के राज्य अध्यक्ष के रूप में दो साल से अधिक समय तक काम किया है और इस दौरान उन्होंने प्रदेश भर के लोगों के साथ व्यापक रूप से बातचीत की है। बोरा ने कहा कि इन चुनौतियों और उचित समाधान की कमी के मद्देनजर मैंने यह कड़ा फैसला लिया है कि मैं खुद को टीएमसी से अलग करता हूं।