बिहार की राजनीति में सीमांचल इलाके की अलग पहचान रही है। आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सभी दलों ने इस इलाके में अपने प्रदर्शन को सुधारने के लिए ताकत झोंक दी है। ऐसे में तय माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में बिहार के सीमांचल इलाके में अलग चुनावी संघर्ष देखने को मिल सकता है। एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल इमाम किशनगंज से चुनावी समर में उतरेंगे। मुस्लिम बहुल सीमांचल इलाके की चार लोकसभा सीटों में से फिलहाल जदयू के पास 2, कांग्रेस के पास 1 और भाजपा के पास 1 सीट है।
अररिया सीट से फिलहाल भाजपा के प्रदीप सिंह सांसद हैं तो पूर्णिया से जदयू के संतोष कुशवाहा, कटिहार से जदयू के दुलालचंद गोस्वामी और किशनगंज से कांग्रेस के मोहम्मद जावेद सांसद हैं। फिलहाल, इन चार सीटों में से कौन सीट किस दल के खाते में जाएगी, इसकी घोषणा अब तक किसी गठबंधन की ओर से नहीं हो पाई है, लेकिन जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव ने पूर्णिया से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। उनकी कोशिश कांग्रेस से पूर्णिया का टिकट पाने की है।
एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पिछले दिनों किशनगंज और पूर्णिया में रैली कर चुके हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी अपनी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान सीमांचल में कांग्रेसियों में जोश भर चुके हैं। इससे साफ है कि इस इलाके में एआईएमआईएम और पप्पू यादव की पार्टी पूरा जोर लगाए हुए है।
वैसे, पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता मुख्तार अब्बास नकवी मिशन सीमांचल को लेकर किशनगंज, पूर्णिया और अररिया का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने इस दौरान भाजपा नेताओं के साथ बैठक कर चुनावी रणनीति के टिप्स दिए हैं। वैसे, एनडीए और महागठबंधन में अब तक सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है। हालांकि, क्षेत्र में पार्टी के कार्यकर्ता दावा जरूर कर रहे हैं, लेकिन सबकी नजर पार्टी नेतृत्व पर लगी है।
एआईएमआईएम बिहार की जिन 11 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी उसमें किशनगंज, अररिया, कटिहार, पूर्णिया, दरभंगा, बक्सर, गया, मुजफ्फपुर, उजियारपुर, काराकाट और भागलपुर शामिल हैं।