नवंबर 2023 में कार्यवाही शुरू
कन्नूर के नेत्र रोग विशेषज्ञ के.वी. बाबू द्वारा कई शिकायतें दर्ज किए जाने के बाद, नवंबर 2023 में, केरल के औषधि नियंत्रण विभाग ने राज्य भर के अपने कार्यालयों से पतंजलि के खिलाफ औषधि एवं जादुई उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, (डीएमआर अधिनियम) 1954 का उल्लंघन करने के आरोप में कानूनी कार्यवाही शुरू करने को कहा था। “शिकायतकर्ता अनुपस्थित। सभी आरोपियों को नोटिस जारी किया गया। सभी आरोपियों को जमानती वारंट,” पलक्कड़ अदालत द्वारा 16 जनवरी, 2025 को दर्ज मामले की स्थिति में उल्लेख किया गया है। विज्ञापनों में दावा किया गया था कि पतंजलि आयुर्वेद के कुछ उत्पाद उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी बीमारियों को ठीक कर सकते हैं। हालांकि, डीएमआर अधिनियम के तहत ऐसे विज्ञापनों पर प्रतिबंध है।
प्रधानमंत्री कार्यालय को भी की शिकायतें
शिकायतकर्ता बाबू ने 2022 में केंद्र और राज्य के कई अधिकारियों से शिकायत की थी और जनवरी 2024 में प्रधानमंत्री कार्यालय को भी अपनी शिकायतें भेजी थीं। पलक्कड़ अदालत का वारंट सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को चेतावनी दिए जाने के बाद आया है कि अगर वे भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहे तो उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाएगी।