इस बैठक में दक्षिण भारतीय राज्यों के बीच नदी जल बंटवारे, तटीय सुरक्षा, संपर्क और साझा हित के अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी। गृह मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि इस बैठक में मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों, मुख्य सचिवों, प्रधान सचिवों और सदस्य राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी तथा केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। बैठक में मुख्य तौर पर नदी जल बंटवारे, तटीय सुरक्षा, कनेक्टिविटी, बिजली और साझा हित के अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी।
दरअसल स्थापित प्रक्रिया और परंपरा के अनुसार, क्षेत्रीय परिषद की बैठक से पहले परिषद की स्थायी समिति की एक बैठक होती है, जिसमें परिषद के समक्ष रखे जाने वाले एजेंडे पर विचार किया जाता है। क्षेत्रीय परिषदें एक या अधिक राज्यों को प्रभावित करने वाले मुद्दों या केंद्र तथा राज्यों के बीच के मुद्दों पर व्यवस्थित तरीके से चर्चा के लिए एक मंच प्रदान करती हैं। मुख्यमंत्री में भाग लेने के लिए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन केरल पहुंच चुके हैं।
दक्षिण क्षेत्रीय परिषद (Southern Zonal Council) में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना और केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक पिछले आठ वर्षों में क्षेत्रीय परिषदों और इसकी स्थायी समितियों की बैठकों की संख्या में तीन गुना वृद्धि हुई है। इसके अलावा अमित शाह कई अन्य कार्यक्रमों में भाग लेंगे। बता दें कि आज पीएम नरेंद्र मोदी ने केरल के कोचिन में पहले स्वदेशी पोत आईएनएस विक्रांत को भारतीय नौसेना को समर्पित किया।