जो आतंकवाद से नहीं लड़ सकता वो ट्रांसफर ले ले
बता दें कि इस उच्च स्तरीय बैठक में अमित शाह ने पहले खूफिया विभाग के प्रमुखों को संबोधित किया और उनसे जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को रोकने के कारगर उपायों के बारे में पूछा। इस दौरान अधिकारियों ने कहा कि स्थानीय अधिकारी इंटेलीजेंस की तरफ से दी गई इनफॉर्मेशन पर कार्य नहीं करना चाहते। इस पर अमित शाह ने कहा कि जिन अधिकारियों को डर लगता है उन्हें कश्मीर में काम नहीं करना चाहिए, ऐसे अधिकारी किसी दूसरी जगह ट्रांसफर ले सकते हैं।
दरअसल, गृह मंत्री ने अपनी यात्रा के दौरान शनिवार को जम्मू कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति की समीक्षा की और सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक की थी। इस बैठक में उनके साथ उप राज्यपाल मनोज सिन्हा, जम्मू कश्मीर पुलिस, सेना, अर्ध सैनिक बलों और खूफिया एजेंसी के शीर्ष अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान घाटी से आतंकियों का खात्मा करने के लिए जरूरी कदमों पर चर्चा हुई। फिलहाल गृहमंत्री अपने तीन दिवसीय दौरे से वापस आ चुके हैं।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में इन दिनों आतंकी घटनाएं काफी बढ़ गई हैं। बीते कुछ दिनों में आतंकियों ने कई आम नागरिकों और प्रवासी मजदूरों को निशाना बनाया। इसके चलते रोजगार की तलाश में कश्मीर गए प्रवासी मजदूरों में खौफ का माहौल है और वे घर वापसी कर रहे हैं। वहीं कश्मीर में हो रही इन हत्याओं को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। विपक्ष का कहना है कि सरकार कश्मीर को संभालने में नाकाम साबित हुई है।