दरअसल, ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी के अवसर पर जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने गोल्डन टेम्पल के बाहर एक जनसभा को संबोधित किया, जहां कथित तौर पर खालिस्तानी समर्थक नारे लगाए गए थे। अपने सम्बोधन में जत्थेदार ने मॉडर्न हथियारों की बात की और एक शूटिंग रेंज स्थापित करने की अपील की। इस दौरान भीड़ ने सिख कैदियों को जेल से रिहा करने की भी मांग की।
अपने सम्बोधन में जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा, “सिखों को कभी स्वतंत्रता नहीं मिली। राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक तौर पर सिखों को कमजोर करने के कई प्रयास किये गए। आवश्यकता है धार्मिक ताकत को मजबूत करने की। सरकार ने इस बार पुलिस को तैनात कर सिखों को रोकने की पूरी कोशिश की है।”
उन्होंने राज्य में बढ़ते ईसाई धर्म का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘सिख प्रचारकों को सिख धर्म को ऊंचा उठाना चाहिए। एसी कमरों से बाहर निकलो और सीमावर्ती गांवों में जाओ।’
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स्थापित की जाए शूटिंग रेंजउन्होंने अपने सम्बोधन इस बात पर प्रकाश डाला कि राज्य में अपराध बढ़ रहे हैं और लोगों को अपने धर्म की रक्षा के लिए हथियार उठाने की आवश्यकता है। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने फिर कहा, “सिखों को मॉडर्न हथियारों की ट्रेनिंग मिलनी चाहिए। आज गतका और सिखों को हथियारों की शिक्षा मिलनी चाहिए। इसके लिए शूटिंग रेंज भी स्थापित किया जाना चाहिए।”
हम छुपकर नहीं खुलेआम देंगे हथियारों की ट्रेनिंग
जत्थेदार ने एक बार फिर से अपने सम्बोधन में हथियारों को रखने और उनके ट्रेनिंग का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “कुछ लोग हमें कहते हैं छुपकर हथियारों की ट्रेनिंग दें। हम ऐसा नहीं करेंगे हम खुलेआम ट्रेनिंग देंगे।” गौरतलब है कि अकाल तख्त के जत्थेदार का ये बयान पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के कुछ ही दिनों बाद आया है।
बता दें कि पहले ही पंजाब में गन कल्चर के बढ़ने से सरकार की चिंता बढ़ गई है। मूसेवाला की हत्या के बाद से ये मामला और तूल पकड़ रहा है इस बीच हथियारों की ट्रेनिंग की बात से साफ है कि आगे भी गन कल्चर पंजाब में फलने-फूलने वाला है।