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पराली जलाने वाले किसानों की MSP पर रोक! वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट हुआ सख्त

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि धान की पराली जलाने और वायु प्रदूषण बढ़ाने वाले किसानों और मजदूरों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करना समाधान नहीं है। से किसानों को उनकी फसलों के लिए एमएसपी रोकने पर विचार करना चाहिए।

Nov 11, 2023 / 09:20 am

Shaitan Prajapat

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दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों में वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि प्रदूषण कम करने के लिए तुरंत फैसले करने होंगे। धान की पराली जलाकर वायु प्रदूषण बढ़ाने वाले किसानों और मजदूरों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करना समस्या से निपटने का समाधान नहीं है। जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कहा कि सरकार को ऐसे किसानों को उनकी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) एक साल के लिए रोकने पर विचार करना चाहिए।


‘आप एफआइआर दर्ज कराएंगे, फिर वापस ले लेंगे’

पीठ ने कहा, आप एफआइआर दर्ज कराएंगे, फिर वापस ले लेंगे। प्रोत्साहन आधारित या दंडात्मक उपाय भी होने चाहिए। गाजर और छड़ी आप पर निर्भर है। खेतों में आग लगना बंद होनी चाहिए। सभी राज्य जिम्मेदार हैं। मुख्य सचिवों से मिलकर समाधान निकालें। पीठ दिल्ली में बिगड़ती वायु गुणवत्ता और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही है।

लोगों को मरने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता

पीठ ने कहा कि किसान समाज का हिस्सा हैं। उन्हें जिम्मेदार होना होगा। वायु प्रदूषण से लोगों को मरने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने तर्क दिया कि राज्य सरकार इस साल खेतों में आग को काफी हद तक कम करने में कामयाब रही है। पीठ ने कहा कि यह अब भी जारी है। मामले की अगली सुनवाई 21 नवंबर को होगी।

पीठ के 3 सुझाव

1. पंजाब में धान की खेती चरणबद्ध तरीके से खत्म की जानी चाहिए।
2. पंजाब के अधिकारी किसानों को पराली जलाने की प्रथा छोडऩे के लिए प्रेरित करें।
3. दिल्ली में वाहनों के लिए सम-विषम जैसी योजनाएं दिखावा हैं। दूसरे राज्यों की पंजीकृत टैक्सियों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोका जाए।

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दिल्ली के लिए वरदान बनी बारिश, ऑड-ईवन टला

दमघोंटू वायु प्रदूषण से जूझ रहे दिल्लीवासियों के लिए बरसात वरदान के रूप में सामने आई है। बारिश के कारण न सिर्फ आसमान में छाई धुंध कम हो गई, बल्कि खतरनाक स्तर पर पहुंचा वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) भी 450 से गिरकर 300 के आसपास आ गया। मौसम विभाग ने दीपावली पर एक्यूआइ में सुधार की संभावना जताई है। इसके मद्देनजर दिल्ली सरकार ने फिलहाल वाहनों पर ऑड-ईवन नियम लागू करने का फैसला टाल दिया। पहले 13 से 20 नवम्बर तक ऑड-ईवन लागू करने का ऐलान किया गया था।

बारिश ने प्रदूषण को धो डाला

दिल्ली के लगभग सभी इलाकों में पश्चिम विक्षोभ के असर से गुरुवार रात शुरू हुई बारिश रुक-रुक कर शुक्रवार शाम तक जारी रही। बारिश के बाद कुछ देर के लिए आसमान साफ नजर आया। विशेषज्ञों का कहना है कि बरसात के बाद हवा की गति बढऩे से प्रदूषक तत्व बिखर जाएंगे। इससे वायु प्रदूषण में कमी के आसार हैं। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दीपावली के बाद प्रदूषण के हालात की समीक्षा की जाएगी। एक्यूआइ फिर बढऩे पर ऑड-ईवन लागू करने पर विचार किया जा सकता है।

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ग्रेप-4 के प्रतिबंध सख्ती से लागू

राय ने बताया कि गुरुवार रात दिल्ली के मंत्रियों ने सीमा पर लगे नाकों का निरीक्षण किया। पता चला कि अब भी उत्तर प्रदेश और हरियाणा से पेट्रोल-डीजल से चलने वाले बीएस-3 और बीएस-4 के वाहन दिल्ली की सीमा में आकर वायु प्रदूषण फैला रहे हैं। इन वाहनों पर रोक के लिए दोनों राज्यों के परिवहन मंत्रियों को पत्र लिखकर ग्रेप-4 के प्रतिबंध सख्ती से लागू करवाने में सहयोग की अपील की गई।

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