उन्होंने कहा कि कृषि मंत्रालय के पास किसान आंदोलन की वजह से किसी किसान की मौत का कोई रिकॉर्ड नहीं है। ऐसे में मृतक किसानों के परिजनों को मुआवजे का कोई सवाल ही नहीं उठता।
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Parliament Winter Session: सांसदों के निलंबन वापसी की मांग पर अड़ा विपक्ष, राज्यसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित दरअसल कांग्रेस लगातार किसान आंदोलन में मारे गए किसानों को 5 करोड़ रुपए सहायता राशि दिए जाने की मांग कर रही है। इसी कड़ी में सरकार से लोकसभा में पूछा गया था कि क्या कोई डाटा है कि कितने किसानों की आंदोलन के दौरान मौत हुई है।
सरकार से लोकसभा में ये भी पूछा गया कि क्या सरकार आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिजनों को मुआवजा देगी। अगर ऐसा है, तो इसकी सरकार विस्तृत जानकारी दे, अगर नहीं है, तो सरकार इसकी वजह बताए।
इसके लिखित जवाब में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि मंत्रालय के पास ऐसा कोई आंकड़ा नहीं कि किसान आंदोलन में कितने किसाने मारे गए। लिहाजा ऐसे किसी भी मुआवजे का सवाल ही बनता।
सरकार से किसान आंदोलन को लेकर ये पूछा गया
– ‘क्या सरकार ने बातचीत के लिए कोई कदम उठाए’
– क्या सरकार ने कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों से बातचीत के लिए क्या कदम उठाए हैं
– अगर उठाए हैं, तो क्या. नहीं उठाए तो क्या वजह है?
– सरकार से पूछा गया था कि क्या सरकार ने जो कृषि कानून लागू किए थे, उन्हें ही वापस लिया, अगर हां तो जानकारी दें।
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सामने आई ओमीक्रोन वैरिएंट की पहली तस्वीर, इंसान की तरह खुद का रूप बदलने में माहिर इन सवालों के जवाब में कृषि मंत्री ने कहा कि, सरकार लगातार किसानों के संपर्क में रही। आंदोलन कर रहे किसानों से बातचीत कर रही है, ताकि आंदोलन खत्म किया जा सके। तोमर ने बताया कि सरकार और आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के बीच 11 स्तर की बातचीत भी हुई।
सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को संसद के शीतकालीन सत्र में वापस भी ले लिया है।
इसके अलावा सरकार ने कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट्स एंड प्राइस की सलाह पर सरकार ने 22 फसलों के एमएसपी घोषित किए हैं।