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न बदला लेंगे, न झगड़ेगे… शादी-ब्याह पर भी सहमति, आदिवासी समुदायों में परंपरागत दुश्मनी खत्म

अरुणाचल प्रदेश की दो प्रमुख जनजातियों आदि और अपातानी ने आपसी सौहार्द बढ़ाने और सांप्रदायिक कलह को खत्म करने की दिशा में संयुक्त घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।

नई दिल्लीJan 21, 2025 / 08:46 am

Shaitan Prajapat

अरुणाचल प्रदेश की दो प्रमुख जनजातियों आदि और अपातानी ने आपसी सौहार्द बढ़ाने और सांप्रदायिक कलह को खत्म करने की दिशा में संयुक्त घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। इस ऐतिहासिक समझौते का उद्देश्य पारंपरिक बदला लेने की प्रथा को खत्म कर अंतर जनजातीय विवाह और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है। अरुणाचल प्रदेश की 26 प्रमुख जनजातियों में से आदि दूसरी सबसे बड़ी जनजाति है। यह मुख्य रूप से पूर्व सियांग, ऊपरी सियांग, पश्चिम सियांग और शियोमी जिलों में निवास करती है। अपातानी जनजाति की आबादी एक लाख से भी कम है। यह मुख्य रूप से लोअर सुबनसिरी जिले में रहती है।

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सियांग जिले के पासिघाट नगर में दोनों जनजातियों के शीर्ष निकायों ने घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए। इसमें 13 प्रस्ताव अपनाए गए हैं। एक जनजाति के रीति-रिवाजों को दूसरी जनजाति पर नहीं थोपा जाएगा। इसके अलावा वाहन दुर्घटना, विवाह, चोरी, संपत्ति और भूमि विवाद से संबंधित कोई भी विवाद सांप्रदायिक मुद्दा नहीं बनेगा।

एक-दूसरे की संस्कृति सीखेगी युवा पीढ़ी

घोषणा पत्र में कहा गया कि दोनों समुदाय एक-दूसरे के पारंपरिक त्योहारों में भाग लेंगे, ताकि युवा पीढ़ी एक-दूसरे की संस्कृति सीखे और मिल-जुलकर रहे। सभी तरह के व्यक्तिगत या सांप्रदायिक मुद्दों का समाधान बातचीत से किया जाएगा। मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा, घोषणा पत्र अन्य जनजातियों के लिए भी मिसाल बनेगा। यह कागज का टुकड़ा नहीं है, प्यार, सम्मान और आपसी विश्वास का जीवंत साक्ष्य है।
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जमीनी स्तर पर मिलेगा ठोस लाभ

पासीघाट के गिडी नॉटको में आदि-अपतानी शिखर सम्मेलन में संयुक्त घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर के दौरान मुख्यमंत्री पेमा खांडू, गृह मंत्री मामा नटुंग, लोकसभा सांसद तापिर गाओ के साथ अन्य गणमान्य मौजूद थे। तापिर गाओ ने पहल की प्रशंसा की और विश्वास जताया कि शिखर सम्मेलन के संकल्पों से जमीनी स्तर पर ठोस लाभ मिलेगा।

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