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डिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी और असम सरकार में करार, अमित शाह की मौजूदगी में हुआ इस समझौते पर साइन

गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में असम सरकार और दिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी (DNLA) के बीच एक समझौते पर साइन किया गया। इस समझौते पर साइन होने के बाद अमित शाह ने कहा कि अब असम में एक भी ऐसा ट्राइबल संगठन नहीं है जो हथियार लेकर कैंप लगाकर जंगलों में रहेगा।

Apr 27, 2023 / 11:11 pm

Prabhanshu Ranjan

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Amit Shah Meeting in Delhi

गुरुवार को राजधानी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में असम सरकार और दिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी (DNLA) के बीच एक समझौते पर साइन किया गया। इस समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद अमित शाह ने कहा कि अब असम में एक भी ट्राइबल संगठन ऐसा नहीं है जो हथियार लेकर, कैंप लगाकर जंगलों में रहेगा। इस समझौते के साथ ही सारे ट्राइबल ग्रुप मुख्य धारा में शामिल हो गए हैं। दिमासा पीपल्स सुप्रीम काउंसिल और दिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी ने हिंसा खत्म करने और दिमासा के लोगों के हितों को सुनिश्चित करने के लिए असम सरकार के साथ आज ये समझौता किया है। ये मेरी लिए आनंद और संतुष्टि का विषय है। इस मीटिंग में अमित शाह के साथ-साथ असम के सीएम हेमंत बिस्वा सरमा भी मौजूद थे।


सीएम बोले- सरकार की ओर से विकास का बड़ा तोहफा


साथ ही असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि दिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी के साथ हमारा शांति समझौता आज हुआ है। सरकार की तरफ से उन्हें विकास का बड़ा पैकेज दिया है। आज के बाद असम में कोई भी ट्राइबल उग्रवादी संगठन नहीं है।


उल्फा के एक गुट से मई अंत तक समझौते की उम्मीद


इस समझौते के बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के एक गुट के साथ शांति समझौते पर मई के अंत तक हस्ताक्षर हो जाएगा, जिसकी पहले से ही केंद्र के साथ बातचीत चल रही है। सरमा ने दिल्ली में मीडियाकर्मियों से कहा, हमने उल्फा के गुट को एक मसौदा समझौता भेजा है, जो पहले से ही सरकार के साथ बातचीत कर रहा है। मुझे उम्मीद है कि अगले महीने समझौते पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं।

 

उन्होंने कहा, हालांकि, अगर उल्फा गुट मसौदा समझौते से असहमत है, तो इसमें देरी हो सकती है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि परेश बरुआ के नेतृत्व वाले उल्फा के एक वर्ग के साथ बातचीत आगे नहीं बढ़ पाई है। इस बीच, शांति वार्ता का समर्थन करने वाले उल्फा नेता अनूप चेतिया ने कहा कि उन्हें सरकार से मसौदा समझौता मिल गया है।

उन्होंने कहा, हम सरकार के कदम का स्वागत करते हैं। लेकिन हमने पहले शांति समझौते के संबंध में अपना प्रतिनिधित्व दिया था। अब हम अपनी निकाय बैठक में मसौदे पर चर्चा करेंगे और फिर शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के बारे में फैसला किया जा सकता है। चेतिया ने कहा कि वह पहले ही संप्रभुता की मांग छोड़ चुके हैं और संविधान के दायरे में असमिया लोगों की राजनीतिक सुरक्षा पर जोर दे रहे हैं।

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