हेमंत सोरेन का जिक्र कर भावुक
सियासत के मंच पर पहले सार्वजनिक संबोधन में अपने पति हेमंत सोरेन का जिक्र करते हुए कल्पना की आंखों से आंसू छलक उठे। उन्होंने कहा, “आज चार तारीख है। कल तीन तारीख को मेरा जन्मदिन था। मुझे हेमंत जी से मिलने का समय मिला। उन्होंने मेरे कंधे पर हाथ रखा और कहा कि घबराना नहीं। जेल में हूं, लेकिन जिंदा हूं।
मैं भारी मन से आपके सामने खड़ी हूं। एक पिता के रूप में मेरे ससुर और मेरी सासू मां चिंतित हैं। मुझे लगा था, मैं आंसू रोक लूंगी, लेकिन आपका प्यार देखकर मैं अपने आंसू रोक नहीं सकी। आप यहां से जोर से चिल्लाकर बता दीजिए कि आपका उत्साह आपके दादा तक जाए। जेल तक जाए। इतना बड़ा षड्यंत्र रच गया कि हेमंत सोरेन जेल में हैं।”
दिल्ली में बैठने वालों का दिल नहीं धड़कता
कल्पना सोरेन ने कहा कि दिल्ली में बैठने वालों का दिल नहीं धड़कता है। आदिवासी, दलित और अल्पसंख्यक को कीड़ा समझते हैं। व्यवहार से पता चलता है कि कितनी घृणा भरी हुई है। हमारे मुख्यमंत्री को पद से उतारने के लिए षड्यंत्र किया। झारखंड सरकार को गिराने की मंशा बिखर गई है। उन्होंने कहा कि हमारे जितने भी विधायक हैं, जितने कार्यकर्ता हैं, उनके मनोबल से प्रतीत होता है कि हमने उनको परास्त तो कर दिया, लेकिन आने वाले समय के लिए आप सभी को मिलकर अपना आशीर्वाद वोट के रूप में देना है और ये यकीन दिलाना है कि झारखंड कभी झुकेगा नहीं।
समारोह में मंच पर सीएम चंपई सोरेन, मंत्री हफीजुल हसन, बेबी देवी, महुआ माजी, मथुरा प्रसाद महतो, गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, गांडेय के पूर्व विधायक डॉ. सरफराज अहमद, जयप्रकाश वर्मा समेत अन्य मौजूद रहे।