शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में सितंबर से पहले विधानसभा चुनाव होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र को स्थापित करने का वादा है, इसे हर हाल में पूरा किया जाएगा। उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि हालांकि यह लोकतंत्र केवल तीन परिवारों तक सीमित नहीं रहेगा और लोगों का लोकतंत्र होगा।
इस दौरान शाह ने एससी, एसटी, ओबीसी और महिला आरक्षण का भी जिक्र किया। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के विभिन्न संगठनों नेे अफस्पा हटाने की मांग की है। अफस्पा सशस्त्र बलों को अशांत क्षेत्रों में लोगों की तलाशी लेने, गिरफ़्तार करने और गोली चलाने की व्यापक शक्तियां देता है।
शाह ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दोनों को आतंकवाद पर बोलने का कोई हक नहीं है। उनके कार्यकाल में जिनती फर्जी मुठभेड़ हुईं, उतनी कभी नहीं हुईं। पिछले पांच साल में कोई फर्जी मुठभेड़ नहीं हुई, बल्कि फर्जी मुठभेड़ पर एफआइआर दर्ज की गई है। उन्होंने एक बार कहा कि हम कश्मीर के युवा से बात करेंगे न कि उन संगठनों से जिनकी जड़ें पाकिस्तान में हैं।