2017 के चुनाव में कुल उम्मीदवारों में से 218 यानी 17 फीसदी के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं जबकि 2017 के विधानसभा चुनाव में सिर्फ 7% उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामले दर्ज थे।
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक अगर पार्टियों द्वारा उतारे गए उम्मीदवारों के अपराधिक रिकॉर्ड को देखें तो-
– शिरोमणि अकाली दल के 96 उम्मीदवारों में से 65 यानी 68 फीसदी उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।
– आम आदमी पार्टी के कुल 117 उम्मीदवारों में से 58 यानी 50 फीसदी के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।
– बीजेपी के 71 उम्मीदवारों में से 27 के यानी 38 फीसदी।
एडीआर की रिपोर्ट कहती है कि पंजाब के कुल उम्मीदवारों में से 15 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनपर महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की शिकायतें हैं तो वहीं 2 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनके ऊपर इंडियन पीनल कोड की धारा 376 के तहत मामले दर्ज हैं जबकि चार उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या के मामले भी दर्ज हैं। वहीं कुल 35 ऐसे उम्मीदवार भी हैं जिनपर हत्या के प्रयास जैसे मामले भी दर्ज हैं।
20 फरवरी को पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। तमाम संस्थाएं और यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है कि दागियों को चुनाव में ना उतारा जाए लेकिन पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में ऐसा कोई राज्य नहीं है जो दागियों को टिकट देने में हिचकिचा रहा हो।
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अक्सर कहा जाता है कि हमारा उम्मीदवार गरीब और पिछड़े वर्ग का वंचित है। इस बात में कितना दम है ये ADR की इस रिपोर्ट में साफ पता चल रहा है। यहां 1276 उम्मीदवारों में से 521 यानी करीब 41 फीसद उम्मीदवार करोड़पति हैं। पिछले चुनावों से देखें तो ये आंकड़ा बढ़ा है, पिछली बार करीब 37 फीसद उम्मीदवार थे जो करोड़पति थे।
बात अगर सबसे अमीर उम्मीदवार की करें तो इस लिस्ट में सबसे पहला नाम आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कुलवंत सिंह का नाम आता है जिनके पास करीब 238 करोड़ की संपत्ति है। इस लिस्ट में दूसरा नाम जलालाबाद से शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल का है। जिनपर करीब 202 करोड़ की संपत्ति है। तीसरा नाम कांग्रेस से करन कौर का है जिनपर करीब 155 करोड़ की संपत्ति है। वहीं 5 उम्मीदवार ऐसे भी है जिन्होंने शून्य यानी 0 संपत्ति घोषित की है।