सहयोगियों को बचाने में गई कैप्टन अंशुमान की जान
राष्ट्रपति भवन में स्मृति सिंह कीर्ति चक्र लेने गई और यह तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर हुई जिसपर एक व्यक्ति ने बेहद घटिया तरीके की टिप्पणी लिखी है। अशंमान सिंह को यह सम्मान सियाचिन ग्लेशियर में भारतीय सेना शिविर में अपने सहयोगियों को बचाने की कोशिश करते हुए खुद की जान चले जाने के लिए दी गई है। 19 जुलाई 2023 की रात को शॉर्ट सर्किट के कारण भारतीय सेना के कैंप में गोला-बारूद के ढेर में आग लग गई, जहां अंशुमान तैनात थे। 26 वर्षीय कैप्टन सिंह ने फाइबरग्लास की एक झोपड़ी को आग की लपटों में घिरा देखा और तुरंत अंदर फंसे लोगों को बचाने के लिए जी जान से जुट गए। उन्होंने चार से पांच व्यक्तियों को सफलतापूर्वक बचा भी लिया। हालांकि आग जल्द ही पास के चिकित्सा जांच कक्ष में फैल गई और वह खुद ही बुरी तरह से झुलस गए। कैप्टन सिंह 26 पंजाब में मेडिकल ऑफिसर के पद पर तैनात थे। कैप्टन सिंह को यह पुरस्कार मरणोपरांत दिया गया और उनकी पत्नी स्मृति और मां ने इसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) से प्राप्त किया।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने कमेंट को भद्दा करार दिया
कई यूजर्स ने सैनिक को भावभीनी श्रद्धांजलि पोस्ट की, वहीं एक यूजर ने असम्मानजनक टिप्पणी पोस्ट की, जिसे एनसीडब्ल्यू ने दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा (Delhi Police Commissioner Sanjay Arora) को लिखे अपने पत्र में “भद्दा” करार दिया है। आयोग ने यह भी कहा कि दिल्ली निवासी अहमद के नाम के व्यक्ति ने यह टिप्पणी की जो भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 79 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 67 का उल्लंघन है। महिला आयोग ने कहा, “NCW इस व्यवहार की निंदा करता है और तत्काल आग्रह करता है इस बारे में पुलिस कार्रवाई हो।” एनसीडब्ल्यू ने पुलिस से उस व्यक्ति को गिरफ्तार करने और तीन दिनों के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को भी कहा है।