1 करोड़ कर्मचारियों को होगा फायदा
सरकार की ओर से आमतौर पर हर 10 साल में कर्मचारियों के वेतन ढांचे को संशोधित करने के लिए वेतन आयोग का गठन किया जाता है। इस फैसले से केंद्र सरकार के एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनर्स को फायदा होगा। इस समय करीब 48.62 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 67.85 लाख पेंशनर हैं। वेतन आयोग की सिफारिश पर केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में इजाफा होगा। इसमें कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता (डीए) और पेंशनर्स के लिए महंगाई राहत (डीआर) शामिल है।कितनी बढ़ेगी सैलरी
8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने से केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। अब तक के पैटर्न के अनुसार, वेतन में संशोधन फिटमेंट फैक्टर के आधार पर किया जाता है। 7वें वेतन आयोग ने वेतन संशोधन के लिए 2.57 के फिटमेंट फैक्टर को अपनाया था। वहीं, 8वें वेतन आयोग में इस फैक्टर को 2.86 तक बढ़ाने की सिफारिश की जा सकती है।Budget 2025: निर्मला सीतारमण के भाषण से पहले आप समझ लें इन 10 शब्दों के मायने, बजट समझने मे होगी बेहद आसानी
मध्य प्रदेश के न्यायिक कर्मियों के वेतनमान का मामला कैबिनेट में रखा जाएगा
जबलपुर। मध्य प्रदेश के न्यायिक कर्मियों को उच्च वेतनमान का लाभ देने का मामला कैबिनेट में रखा जाएगा। यह जानकारी राज्य शासन की ओर से अपने जवाब में दी गई। जस्टिस सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी व जस्टिस अवनींद्र कुमार सिंह की डिवीजन बेंच ने जवाब को रिकॉर्ड पर लेते हुए सरकार को प्रगति प्रतिवेदन पेश करने के निर्देश दिए। अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद नियत की गई है।अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद
यह मामला हाई कोर्ट के कर्मचारी किशन पिल्लई व अन्य ने वर्ष 2016 में दायर किया था। जिसमें उच्च वेतनमान का लाभ न दिए जाने को चुनौती दी गई थी। हाई कोर्ट ने 28 अप्रैल, 2017 को अपने आदेश में कहा था कि राज्य सरकार के पास यह मामला 27 जून, 2015 से लंबित है, इसलिए हाई कोर्ट के कर्मचारियों के वेतनमान से जुड़े इस मुद्दे का चार सप्ताह में निराकृत किया जाए। इस आदेश का पालन न होने पर यह अवमानना याचिका वर्ष 2018 में दायर की गई। गुरुवार को सरकार की ओर से समय की राहत चाहते हुए कहा गया कि पूरी प्रकिया के बाद मामला कैबिनेट से होते हुए राज्यपाल तक पहुंचेगा।तीसरे लॉन्च पैड को भी दी गई हरी झंडी
मंत्रिमंडल ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) में तीसरे लॉन्च पैड के निर्माण को भी मंजूरी दे दी। इस परियोजना पर 3,985 करोड़ रुपए की लागत आएगी। परियोजना के तहत इसरो के ‘नेक्स्ट जेनरेशन लॉन्च व्हीकल’ (एनजीएलवी) के लिए आवश्यक लॉन्च ढांचा तैयार किया जाएगा। यह श्रीहरिकोटा में दूसरे लॉन्च पैंड के लिए बैकअप लॉन्च पैड के रूप में भी काम करेगा।हार्वर्ड से एमबीए ग्रेजुएट को भी नौकरी में दिक्कत
बेरोजगारी की समस्या भारत में नहीं, दुनियाभर में परेशानी का सबब बनी हुई है। प्रतिष्ठित हार्वर्ड और अन्य प्रमुख बिजनेस स्कूलों में पढ़ाई के बाद भी युवाओं के लिए जॉब की कमी है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक हार्वर्ड के एमबीए छात्रों में से 23 प्रतिशत स्नातक पढ़ाई पूरी करने के तीन महीने बाद भी नौकरी की तलाश में थे। पिछले कुछ साल में नए स्नातकों के बीच बेरोजगारी की दर लगातार बढ़ रही है। 2023 में 20 प्रतिशत और 2022 में 10 प्रतिशत छात्र नौकरी पाने में विफल रहे। स्टैनफोर्ड, व्हार्टन और एनवाइयू स्टर्न जैसे बिजनेस स्कूलों की प्लेसमेंट दरों में गिरावट आई है। शिकागो बूथ और नॉर्थवेस्टर्न केलॉग में स्नातक होने के महीनों बाद भी नौकरी की तलाश करने वालों का प्रतिशत 2022 की तुलना में तीन गुना से अधिक हो गया है।Hindi News / National News / 8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, जानिए कितनी बढ़ेगी सैलेरी