बिहार विधानसभा ने बुधवार को ‘बिहार लोक परीक्षा अनुचित साधन निवारण विधेयक-2024’ पास कर दिया। राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद विधेयक प्रदेश में लागू हो जाएगा। विधेयक के लागू हो जाने के बाद पेपर लीक मामले बड़े अपराध की श्रेणी में आ जाएंगे, जिसमें 3 से 10 साल की सजा और 10 लाख से 1 करोड़ रुपये तक जुर्माना लगाने का प्रावधान है।
1981 का कानून अब प्रभावी नहीं- मंत्री विजय कुमार विधानसभा में मंत्री विजय कुमार चौधरी ने विधेयक का प्रस्ताव रखा, जो पास हो गया। उन्होंने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि आम तौर पर ऐसी परीक्षाएं नामांकन और सरकारी सेवाओं के लिए आयोजित होती हैं। ऐसे में गड़बड़ी की शिकायतें आती रहती थी। हाल के दिनों में आई गड़बड़ी के बाद केंद्र सरकार और राज्य सरकार इसे लेकर चिंतित थी। उन्होंने बताया कि 1981 में भी ऐसे प्रयास किए गए थे। लेकिन, आज के समय में वह निष्प्रभावी हो गए थे। राज्य सरकार की तरफ से आयोजित होने वाली सभी परीक्षाओं में भी यह कानून लागू होंगे। केंद्र सरकार पहले ही ऐसा कानून बना चुकी है।
नकल करने या कराने पर होगी 10 साल की जेल इस विधेयक के प्रस्ताव के दौरान विपक्ष ने वॉकआउट किया। इस कानून के मुताबिक, अगर परीक्षा में शामिल कोई भी कर्मचारी पेपर लीक में दोषी पाया जाता है तो उसके लिए भी एक करोड़ रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। साथ ही परीक्षा में जो भी खर्च आएगा, उसकी वसूली उन्हीं कर्मचारियों से की जाएगी। इसके अलावा जो भी संस्था पेपर लीक में शामिल होगी, उसे 4 साल के लिए ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा।