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नर्मदापुरम

दक्षिण भारत के राज्यों में जाता है नर्मदापुरम का चना

-चने की अच्छी पैदावार की उम्मीदें, 30 हजार मीट्रिक टन ज्यादा उत्पादन की संभावना

नर्मदापुरमDec 14, 2022 / 12:08 pm

devendra awadhiya

दक्षिण भारत के राज्यों में जाता है नर्मदापुरम का चना

दक्षिण भारत के राज्यों में जाता है नर्मदापुरम का चना

narmdapuramनर्मदापुरम. रबी सीजन में इस बार मौसम के अनुकूल चलने एवं अब तक कोई कीट व्याधि के नहीं आने से चने की अच्छी पैदावार की उम्मीदें किसानों जताई है। मुख्य फसल गेहूं के साथ ही चने के रकबे में हर साल बढ़ोतरी हो रही है। गेहूं के कुछ रकबे को कम कर किसान चने की फसल भी अच्छी मात्रा में ले रहे हैं। बीते साल की तुलना में इस बार के सीजन में करीब 30 हजार मीट्रिक टन चने के अधिक उत्पादन की संभावनाएं हैं। यही वजह है कि देश के दक्षिण भारत के राज्यों में एमपी के नर्मदापुरम के चने की खासी डिमांड रहती है। जिले की आपूर्ति व जरूरत के बाद व्यापारियों के जरिए यह इन राज्यों में भी परिवहन होता है।

इस बार 11 हजार 45 हैक्टेयर की बढ़ोतरी
चने की फसल में बीते साल 2021-22 में जिले में चने की फसल 48 हजार 55 हैक्टेयर में ली गई थी, जबकि इस साल के रबी सीजन वर्ष 2022-23 में रकबा बढ़कर 60 हजार हैक्टेयर पर पहुंच गया है। सौ प्रतिशत बोवनी के उपरांत बढ़वार जारी है। इसमें 11 हजार 45 हैक्टेयर की बढ़ोतरी आई है।

उत्पादन 30 हजार मीट्रिक टन ज्यादा होगा
कृषि विभाग के अनुमान के मुताबिक देखें तो इस बार के सीजन में चने की फसल के उत्पादन में 30 हजार मीट्रिक टन की बढ़ोतरी की संभावनाएं हैं। बीते वर्ष में 1 लाख 20 हजार मीट्रिक टन चने का औसतन उत्पादन हुआ था। जो कि इस बार बढ़कर 1 लाख 50 हजार मीट्रिक टन आने की संभावनाएं जताई गई है। यह संभावित उत्पादन 25 क्विंटल प्रति हैक्टेयर के मान से लगाया गया है। अधिक पैदावार से किसानों को इसका मंडियों, खरीदी केंद्रों सहित व्यापारियों को बेचने से अतिरिक्त आर्थिक लाभ होगा।

चने की यह किस्मों की है डिमांड
नर्मदापुरम जिले में चने की वैरायटी की बात करें तो किसान जॉकी 9218 एवं आरवीजी 202 एवं आरवीजी 204 की पैदावार करते हैं। इसमें बड़े-छोटे दोनों आकार के चना शामिल है। दानों का स्वाद भी अच्छा होने इसकी जिले सहित मप्र के अन्य जिलों के साथ ही दक्षिण भारतीय राज्यों में भी इसकी डिमांड हर साल रहती है।

इनका कहना है…
जिले के रबी सीजन में चने की सफल की सौ फीसदी बोवनी हो चुकी है। फसल की स्थिति भी बेहतर है। रकबे में बढ़ोतरी के साथ ही बीते साल की तुलना में उत्पादन भी 30 हजार मीट्रिक टन अधिक होने की संभावनाएं हैं। गेहूं के साथ ही चने से भी किसानों आर्थिक लाभ होगा। जिले की आर्थिक व्यवस्था में भी सुधार आएगा।
-जेआर हेडाऊ, उप संचालक कृषि नर्मदापुरम।

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