बीमा कंपनी के विकास अधिकारी के साथ 1 करोड़ की ठगी , मच गया हड़कंप
Social media fraud: अधिकारी कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक एप के संपर्क में आया था। एप ने शेयर मार्केट में पैसा लगाने पर मोटा मुनाफा देने की आश्वासन दिया।
Social media fraud: बीमा कंपनी के एक अधिकारी के साथ सोशल मीडिया पर डीमेट एकाउंट बनाकर शेयर मार्केट में पैसा लगाने के नाम पर 1 करोड़ 65 लाख रुपए की ठगी की गई है। इसमें नर्मदापुरम, नसरूल्लगंज, माखन नगर क्षेत्र के लगभग 30 लोगों का पैसा लगा था। पीड़ित अधिकारी ने बुधवार को घटना की जानकारी पुलिस को दी है।
जानकारी के मुताबिक बीमा अधिकारी ने पुलिस को दिए आवेदन में बताया कि कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक एप के संपर्क में आया था। एप ने शेयर मार्केट में पैसा लगाने पर मोटा मुनाफा देने की आश्वासन दिया। लालच में आकर अधिकारी ने ज्वाइंट वेंचर में डीमेट एकाउंट खुलवाया। इसके बाद 30 लोगों का एक ग्रुप बनाया।
सभी से पैसे लेकर आईपीओ के जरिए पैसा लगाना शुरू कर दिया। 15 दिन पहले अधिकारी को पांच लाख रुपए का भुगतान भी मिला। इसके बाद 1 करोड़ 65 लाख रुपए अटक गए। यह राशि संबंधित एप पर दिखाई दे रही थी लेकिन जब इसे निकलने का प्रयास किया गया तो सफलता नहीं मिली। एप की तरफ से बताया कि रकम बड़ी होने के कारण टैक्स आदि जमा करना पड़ेगा।
इसके लिए अलग से पैसा जमा करना होगा। अधिकारी को साइबर फ्राड की आशंका हुई तो उसने एप को संचालित होने वाली संभावित स्थान मुबई और अन्य जगह पछताछ करने को प्रयास भी किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। परेशान होकर अधिकारी ने पुलिस को लिखित शिकायत कर घटना की जानकारी दी है।
15 बार में जमा किए गए 1 करोड़ 65 लाख
पीड़ित अधिकारी के मुताबिक निवेश करने वाले एप में लगभग 15 बार में 1 करोड़ 65 लाख रुपए जमा किए गए। आईपीओ के जरिए राशि जमा होती थी। इसकी जानकारी एप ही दिखाई देती थी। वल्क वॉय के रूप में इसपर लोग पैसा लगाते हैं। अपने-अपने एकाउंट पर जमा राशि दिखाई देती है। इसी में भुगतान लेने का विकल्प भी आता था।
एप पर सिर्फ चैटिंग से मिलता था जवाब
पीड़ित अधिकारी ने बताया की जिस एप के जरिए 1 करोड़ 65 लाख रुपए लगाए हैं। उस एप को कोई अधिकारी या टोल फ्री नंबर नहीं है। एप से जुड़े लोग सिर्फ चैटिंग के जरिए ही बात करते हैं। अब वे अपनी राशि निकालने के लिए लगातार चैटिंग कर रहे हैं लेकिन जमा राशि को वापस करने को लेकर कोई जबाव नहीं मिल रहा है।