महाराष्ट्र ने मांगी मध्यप्रदेश में लगने वाली यह बड़ी मशीन, जानें फिर क्या हुआ
होशंगाबाद में होना है करंसी पेपर मिल का विस्तार
महाराष्ट्र ने मांगी मध्यप्रदेश में लगने वाली यह बड़ी मशीन, जानें फिर क्या हुआ
होशंगाबाद/भोपाल। प्रदेश के होशंगाबाद में लगने वाली करंसी पेपर मिल का नया प्रोजेक्ट छीनने आहट क्या हुई। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतारशरण शर्मा सक्रिए हो गए। वे बुधवार को मजदूर नेताओं को लेकर दिल्ली पहुंच गए। शर्मा ने दिल्ली में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पी राधाकृष्णन से इन मजदूर नेताओं की मुलाकात भी कराई। दरअसल, मध्यप्रदेश से करंसी पेपर का नया प्रोजेक्ट छीनने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने बीते दिनों प्रयास किए हैं। इसके चलते यह कदम उठाया गया।
होशंगाबाद स्थित एसपीएम में 30 मई 2015 को करंसी पेपर छापने की नई मशीन का केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने द्घाटन किया था। यहां प्लांट का विस्तार करके दो और नई मशीनें लगनी थी। इसके लिए डीपीआर तैयार हो चुकी है। लेकिन, इस बीच महाराष्ट्र और आंध्रप्रदेश ने अपने यहां इन मशीनों का प्लांट लगाने की मांग कर दी। बाद में मामला ठंडे बस्ते में चला गया, लेकिन दो हफ्ते पहले वापस महाराष्ट्र सरकार की ओर से नासिक में इस प्लांट को लगाने के लिए केंद्रीय मंत्रालय में मुलाकातों का सिलसिला शुरू हो गया है। इसकी भनक लगने पर करंसी पेपर मिल व प्रतिभूति कागज कारखाना मजदूर संघ के नेताआें ने विधानसभा अध्यक्ष सीतासरन शर्मा से मुलाकात की। फिर बुधवार को शर्मा इन नेताओं के 16 सदस्यीय दल को लेकर दिल्ली पहुंच गए। वहां केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री से मुलाकात करके होशंगाबाद यूनिट के विस्तार के फायदों को बताया है। दरअसल, मध्यप्रदेश से करंसी पेपर का नया प्रोजेक्ट छीनने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने बीते दिनों प्रयास किए हैं। इसके चलते यह कदम उठाया गया।
यह दिए तर्क: केंद्रीय मंत्री को बताया कि दूसरे राज्य में यूनिट लगाने पर अतिरिक्त आर्थिक भार व अन्य समस्याएं आ सकती है। जैसे भूमि अधिग्रहण का खर्च, पानी की पर्याप्त मात्रा एवं पाइप लाइन बिछाना, बिजली सब स्टेशन लगाने, बॉयलर प्लांट, रेल एवं रोड परिवहन की व्यवस्था, सिक्युरिटी हेतु सीआईएसएफ का अतिरिक्त खर्च, पानी और स्ट्राक्चर आदि की।
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