आजादी के बाद जब मध्यप्रदेश का निर्माण हुआ तो इसकी राजधानी भोपाल को बनाया गया। लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि गर्मियों के दौरान प्रदेश की राजधानी पचमढ़ी रहती थी। इसलिए वहां पर राजभवन का निर्माण कराया गया था। इसके अलावा मुख्यमंत्री निवास और मंत्रियों तथा अफसरों के लिए ढेर सारे बंगले भी बनाए गए थे। बाद में स्वर्गीय गोविंद नारायण सिंह के नेत्रत्व में बनी सरकार ने गर्मियों में राजधानी पचमढ़ी शिफ्ट करने की प्रथा समाप्त कर दी। इस प्रकार साल-1967 के बाद फिर कभी राजधानी को पचमढ़ी नहीं ले जाया गया। लेकिन राजभवन आज भी यहीं मौजूद है।
पचमढ़ी का राजभवन 22.84 एकड़ मे फैला है। इसमें राज्यपाल निवास के अलावा उनके सेक्रेटरी, एडीसी और स्टाफ के आवास भी हैं। यह राजभवन लगभग वीरान पड़ा रहता है, क्योंकि राज्यपाल तो यहां कभी कभार आते हैं।
बताया जाता है कि पचमढ़ी के इस राजभवन को विशेष अवसरों पर खोला जाता है। इसे राज्यापाल या राष्ट्रपति के आगमन पर ही खोला जाता है। दो दिवसीय दौरे पर आ रहीं राज्यपाल आनंदीबेन
प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन दो दिवसीय दौरे पर पचमढ़ी आ रही हैं। वे १० और ११ मार्च को पचमढ़ी पहुंचेगी। वे यहां पचमढ़ी विजिट करेंगी। इसके लिए यहां के राजभवन को फिर से खोला गया है। उनके आने के पहले ही तैयारियां पूरी हो चुकी हंै।