यह मामला धमतरी शहर का है। न्यायालयीन सूत्रों के अनुसार कक्षा दसवीं की नाबालिग छात्रा को गणेश चौक खोडिय़ा तालाब निवासी विकास नामदेव पिता दाऊलाल बहला-फुसला कर अपने झांसे में ले लिया। इसके बाद उससे शादी करने का सपना दिखाकर डेढ़ साल पहले नवंबर-2017 और फरवरी-2018 में घुमाने के बाद गंगरेल ले गया। कुछ दूर यहां घुमाने के बाद ग्राम भटगांव ले आया और अपने एक दोस्त के मकान में लाकर उससे दुष्कर्म किया। इसके बाद 7 अगस्त-2018 को पुन: नाबालिग को बहला-फुसला कर ग्राम मनियारीखुर्द जबलपुर ले गया। यहां अपने बुआ के घर में ले जाकर उससे दुष्कर्म किया।
इधर, अचानक घर से बेटी के लापता हो जाने पर परिजनों ने कोतवाली में गुमशुदगी दर्ज कराया। पुलिस की जांच में पता चलने पर युवती को विकास के कब्जे से बरामद कर लिया। पुलिस ने उसके खिलाफ धारा 303,366,376-2,506 भादसं एवं धारा 06 पाक्सो एक्ट के तहत जुर्म दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया।
सजा एक नजर में
इस मामले की अंतिम सुनवाई विशेष न्याायलय (पाक्सो) में हुई। न्यायाधीश छमेश्वर लाल पटेल ने मामले में सारे सबूतों को देखने और गवाहों को सुनने के बाद विकास नामदेव को दोषसिद्ध पाया। इसके बाद धारा 303 के तहत एक वर्ष का सश्रम कारावास एवं 200 रुपए, धारा 366 के तहत 3 वर्ष कारावास एवं 300 रुपए अर्थदंड तथा धारा 376-2 एवं धारा 06 पाक्सो एक्ट के तहत 10 साल सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड की राशि अदा नहीं करने पर उसे 1,3 एवं 6 माह अतिरक्त सजा भुगतनी होगी।