सहलियों की समिति की सदस्य कल्पना राठौड़ ने बताया कि गांव के हर समाज की कई शादीशुदा बहनें राजस्थान समेत देश के अलग अलग राज्यों में रहती हैं। उन्हें ऐसा मौका नहीं मिलता कि वे अपने बचपन की सहेलियों और गांव की बहनों से एक साथ मिल सके। ऐसे में स्नेह मिलन समारोह का आयोजन करके सभी को एकत्रित किया गया। कल्पना ने बताया कि वह इस कार्यक्रम में भाग लेने प्रतापगढ जिले के धरियावद से आई है। गांव में बचपन की सहेलियों और परिवार के लोगों से मिलकर बहुत खुशी हुई।
पाली में ब्याही कमला कंवर ने बताया कि गांव की बहनों, बेटियों ने मिलकर पहली बार इस प्रकार का जो कार्यक्रम आयोजित किया, उससे बहुत खुशी हुई। अपने गांव आई तो कई सहेलियां वर्षों बाद इस कार्यक्रम में मिली। अपने परिवार के लोगों से मिली तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
नोखा, बीकानेर से आयी किरण कंवर ने बताया कि मेरे गांव की कई बहनें पिछले कई सालों से अपने परिवार के साथ देश के अलग-अलग राज्यों में रहती है। इस कार्यक्रम का आयोजन करने से हम सब सहेलियां आपस में मिल पाई। एक दूसरे के साथ दो दिन बिताए। गांव की शिव गौशाला में भजन संध्या, राधे कृष्ण के भजनों पर डांस का भी खूब आनंद उठाया।
कार्यक्रम में आई बेटियों ने बताया कि इस गांव की बहनों ने सोशल मीडिया के माध्यम से ग्रुप बनाकर ये निर्णय लिया कि हमें एक सामूहिक स्नेह मिलन करना चाहिए। सभी सहलियों की मंजूरी के बाद गांव की बहनों ने इस स्नेह मिलन समारोह की रूप रेखा तैयार की। इसे भव्य बनाने के लिए वो पिछले काफी दिनों से मेहनत कर रही थी। साथ ही सभी सहलियों ने मिलकर गांव की शिव गोशाला में लगभग एक लाख 46 हजार रुपए गोसेवा के लिए दान किए। गांव के भाईयों ने भी बहनों के इस आयोजन का खर्च उठाया।