कलयुग में राम नाम का ही आधार है
Nagaur. रामपोल सत्संग भवन में रामनामी महंत मुरलीराम महाराज ने प्रवचन में कहा कि राम नाम कलयुग में कल्याण का घर है
Nagaur. Lively tableau was the center of faith during the discourse at Rampol Satsang Bhawan
नागौर. रामपोल सत्संग भवन में रामनामी महंत मुरलीराम महाराज ने प्रवचन में कहा कि राम नाम कलयुग में कल्याण का घर है। गोस्वामी महाराज मानस में ही कहते हैं कि भगवान राम स्वयं अपने नाम की बड़ाई नहीं कर सकते। संतों का मत है कि सबसे बड़ा पुण्य का फल राम के चरणों में स्नेह करना है। सतयुग में ध्यान की तथा त्रेता युग में यज्ञ की प्रधानता थी। कलयुग में न ध्यान की जरूरत है ना ही यज्ञ की जरूरत है। इस कलिकाल में तो राम के सुमिरन की जरूरत है। कलयुग में केवल एक राम नाम का ही आधार है। राम नाम सभी दृष्टि से ं मंगल को प्रदान करने वाला है। भगवान राम का नाम लेने वाला व्यक्ति यदि सौ बार गलती करता है तो भी प्रभु उनकी गलतियों को देखते नहीं है। इसलिए राम नाम को प्रेम और स्नेह से स्मरण करना चाहिए। इस दौरान कथावाचक संत रमताराम ने रामायण की विशेषताओं पर प्रकाश डाला। प्रवचन के दौरान माता सीता एवं हनुमान की जीवंत झांकी आस्था का केन्द्र बनी रही। इसमें साध्वी मोहनीबाई, बाल संत रामगोपाल महाराज, नंदकिशोर बजाज, आनंद, ,ा महेश कंसारा, नंदलाल प्रजापत, कांतिलाल कंसारा, मदनमोहन बंग, राजाराम तोषनीवाल आदि मौजूद थे।
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