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नागौर

एक जुलाई से खुल जाएंगी स्कूलें पर कुछ किताबें अब भी नहीं पहुंची

जिले की सरकारी स्कूलों में वितरित होनी है 14.67 लाख किताबें, अभी 13.20 लाख ही मिली
– कुछ लोग बेच रहे पाठ्य पुस्तक मंडल की किताबों की कॉपी, ज्यादा कमीशन के चक्कर में दुकानदार भी दे रहे तवज्जो
– दुकानदारों के लिए अब डिपो में नहीं हैं किताबें

नागौरJun 30, 2024 / 11:30 am

shyam choudhary

school news
नागौर. जिले सहित प्रदेशभर में एक जुलाई से स्कूलों में शिक्षण कार्य शुरू हो जाएगा। हालांकि गत 24 जून से स्कूलें खुल गई हैं, लेकिन पिछले सात दिन से शिक्षक प्रवेशोत्सव के तहत घर-घर जाकर नामांकन बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं, इसलिए एक जुलाई से शिक्षण कार्य सुचारू होगा। वहीं दूसरी तरफ सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें वितरित करने के लिए डिपो से वितरण कार्य चल रहा है। इसके तहत जिले की सरकारी स्कूलों में कुल 14.67 लाख किताबें वितरित की जानी हैं, लेकिन अभी तक 13.20 लाख किताबें ही जिले को मिली हैं, यानी करीब डेढ़ लाख किताबें अभी आनी शेष हैं, जिनमें मुख्य रूप से कक्षा पहली व दूसरी तथा 11वीं व 12वीं की हैं।
पाठ्य पुस्तक मंडल के मुख्य प्रबंधक का कहना है कि पुस्तकें वितरण करने का कार्य दो चरणों में पूरा किया गया है, करीब 90 प्रतिशत किताबें वितरित करने का काम शनिवार तक पूरा कर लिया गया है। जो किताबें शेष रही हैं, उनकी व्यवस्था जयपुर से की जा रही है।
कई दुकानदारों के पास नहीं किताबें

जिले के निजी स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों के लिए दुकानदारों को बेचने के लिए पाठ्य पुस्तक मंडल के पास अब किताबें नहीं बची हैं। डिपो प्रबंधक ने बताया कि पूर्व में दुकानदारों को किताबें लेने के लिए सूचना दी गई थी और जिन्होंने समय रहते किताबें खरीदी, उन्हें मांग के अनुसार उपलब्ध भी करवा दी, लेकिन जो दुकानदार समय पर नहीं चेते, उनके लिए अब डिपो में किताबें नहीं बची है। हालांकि कुछ बड़े डिपो में किताबें हैं, जहां से वितरण कार्य पूरा होने के बाद सप्लाई होने की उम्मीद हैं। यहां से उनको डिमांड भेज रखी है।
90 प्रतिशत किताबें वितरित

जिले की सरकारी स्कूलों में कुल 14.67 लाख किताबें वितरित की जानी हैं, जिनमें से अब तक 13.20 लाख किताबें वितरित की जा चुकी हैं। शेष जयपुर मुख्यालय से आनी शेष हैं। दुकानदारों को देने के लिए अब डिपो में किताबें नहीं बची हैं। इसके लिए डिमांड भेज रखी हैं, आने पर दी जाएगी।
– नेमीचंद डिडेल, मुख्य प्रबंधक, राजस्थान राज्य पाठ्य पुस्तक मंडल, नागौर

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