एसपी नारायण टोगस ने बताया कि गुरुवार को ही राजूराम चार-पांच दिन की रामदेवरा पदयात्रा के बाद लौटा था। रात को राजूराम पत्नी गोमती, बेटी ममता, रवीना,, कौशल्या, निशा आदि के साथ सो रहा था। इसी बीच गेट खटखटाने की आवाज हुई और कहा कि सभी बाहर निकलो, यह सुनकर राजूराम की बेटी गेट खोलने गई। इतने में ही दरवाजे से फायरिंग होने लगी। भंवरङ्क्षसह ने बारह बोर की बंदूक से सात-आठ फायर कर दिए, इस फायरिंग से गोमती के हाथ पर गोली लगी, आवाज सुनकर दूसरा भाई ओमप्रकाश भी वहां पहुंचा तो भंवर ने उस पर भी गोली चला दी, जो उसके सिर से होकर निकली। सूचना मिलते ही एएसपी सुमित कुमार के सुपरविजन में नागौर सीओ रामप्रताप विश्नोई मय टीम मौके पर पहुंचे। ओमप्रकाश व गोमती का जोधपुर में उपचार चल रहा है।
नागौर सीओ रामप्रताप विश्नोई ने बताया कि कोतवाली एसआई खेताराम मय टीम तो वहां थे ही, अतिरिक्त जाब्ता भी मंगाया गया। वहां पहुंचने पर जो मिला उसने यही कहा कि भंवर बाइक पर भाग गया। इस पर उसकी मोबाइल लोकेशन सर्च की तो वो घर की बता रहा था। पहले तो यही सोचा की ऐसे मामले में हो सकता है कि मोबाइल छोड़कर भाग गया हो पर मन नहीं माना, भंवर ङ्क्षसह के घर को घेर लिया। उसके बेटे-बेटी अथवा पत्नी से उसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने तलाशी लेने से मना कर दिया और यही कहा कि वो यहां नहीं है। पुलिस ऐसे में कोई रिस्क नहीं चाहती थी, इसलिए वहीं डेरा जमा दिया।
आरोपी के करीब एक दर्जन फायर करने की बात सामने आई, हालांकि छर्रे से चोटिल हुए पुलिसकर्मी सभी खतरे से बाहर हैं, हालांकि हनुमानराम के जरूर पिण्डली में ज्यादा चोट आई। फायङ्क्षरग के बाद कदम दर कदम पुलिस की सूझबूझ के चलते समय पर भंवर को पकड़ लिया गया। जरासी भी पुलिस की जल्दबाजी भंवरङ्क्षसह को और आवेश में ला सकती थी। पुलिस ने रात भर इंतजार कर तड़के उसे दबोच लिया। इधर, एफएसएल, एमओबी टीम भी घटनास्थल पर पहुंची। राजूराम के घर टूटे दरवाजे के अलावा अन्य क्षतिग्रस्त दीवारों का अवलोकन किया। मामले की जांच एएसपी नूर मोहम्मद (त्वरित अनुसंधान) को सौंपी गई है।
आरोपी भंवर को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिसकर्मियों का उपचार चल रहा है। जमीन विवाद को लेकर भंवर ने पहले भाई-भौजाई पर फायरिंग की फिर पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया। वो शराब के नशे में था, मामले की जांच एएसपी नूर मोहम्मद को सौंपी गई है।
नारायण टोगस, एसपी नागौर