दरअसल मकराना तहसील के नजदीक निंबडी में यह शादी हुई। विधायक की छोटी बहन का नाम त्रिशला है। वे छात्रसंघ चुनाव भी लड़ चुकी हैं। उनकी खुद की कॉस्मेटिक कंपनी है। वहीं दूल्हा प्रदीप कुमार राजस्थान हाईकोर्ट में एडवोकेट हैं और अच्छी प्रैक्टिस करते हैं। शादी इसलिए मिसाल बन गई क्योंकि इस शादी में दहेज के नाम पर सिर्फ एक रुपए और नारियल स्वीकार किया गया। जबकि वधु पक्ष बड़ा दहेज देने की तैयारी में था। लेकिन वर पक्ष ने सिर्फ एक रुपया स्वीकार किया। दूल्हे के पिता भाजपा से प्रदेश उपाध्यक्ष रह चुके हैं और उनका नाम माधोराम चौधरी है। चौधरी ने कहा कि उनका परिवार बेटियों को उच्च शिक्षा देने, भू्रण हत्या रोकने, दहेज प्रथा को बंद करने जैसे कामों से जुड़ा रहा है। ऐसे में दहेज लेने का तो सवाल ही खड़ा नहीं होता है।
शादी में शामिल होने के कांग्रेस और भाजपा के बड़े नेता भी शामिल हुए। त्रिशला के पिता जिले के प्रमुख कारोबारी हैं। शादी में बड़े स्तर पर खाने का आयोजन किया गया था। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखा गया था कि खाना वेस्ट ना जाए और अन्न की बेकद्री ना हो। इस शादी में शामिल होने आए बारातियों और घरातियों ने शादी की जमकर तारीफ की।