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नागौर के फिल्ड अभियंता ने सिस्टम पर खड़े किए सवाल, कहा : हादसे का सबब नहीं बन जाए हमारी उदासीनता

खींवसर फ्लाईओवर में ठेकेदार की ओर से किए गए निर्माण पर उठ रहे सवाल, अभियंता ने कहा – सडक़ सुरक्षा के लिए अति महत्वपूर्ण फ्लाईओर पियर ढांचे की डिजाइन जांच आईआईटी जोधपुर के विशेषज्ञों से कराना अति-आवश्यक

नागौरJan 11, 2025 / 12:55 pm

shyam choudhary

khinvsar flyover
नागौर. राष्ट्रीय राजमार्ग 62 पर खींवसर के पदमसर चौराहे पर बनाए जा रहे फ्लाईओवर के निर्माण कार्य पर लगातार सवालिया निशान लग रहे हैं, इसके बावजूद विभागीय अधिकारी कार्रवाई करने की बजाए ‘टालमटोल’ कर रहे हैं। फ्लाईओवर के निर्माण कार्य की मॉनिटरिंग का जिम्मा संभाल रहे एनएच के एईएन डालाराम धुंधवाल ने बार-बार उच्चाधिकारियों को अवगत कराने के बावजूद ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर मजबूरी में अधिशासी अभियन्ता, जिला कलक्टर सहित अन्य अधिकारियों को पत्र लिखकर भविष्य में हादसे की आशंका जताई है। साथ ही अब तक हुए निर्माण कार्य की जांच आईआईटी जोधपुर के विशेषज्ञों से कराने की मांग की है। गौरतलब है कि गत 19 दिसम्बर को साइट निरीक्षण करने आए पीडब्ल्यूडी एनएच के मुख्य अभियन्ता आईआईटी के विशेषज्ञों से जांच कराने के निर्देश दिए थे, इसके बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं की।
दस महीने से काम बंद

एईएन धुंधवाल ने पत्र में बताया कि एनएच 62 के नागौर-जोधपुर सेक्शन में खींवसर करबे में ब्लैक स्पॉट सुधार के लिए सडक़ सुरक्षा योजना 2022-23 के तहत मोर्थ के क्षेत्रीय कार्यालय जयपुर ने मार्च 2023 में 41.73 करोड का एक फोरलेन फ्लाई ऑवर प्रोजेक्ट (1.680 किमी लम्बाई) स्वीकृत किया था। जिसका ठेका हरियाणा के विजयकुमारकॉन्ट्रेक्टर ने 15.50 प्रतिशत बिलो दर पर 31.41 करोड़ रुपए में लिया। जिसके कार्य शुरू करने की तिथि 9 अक्टूबर 2023 व पूर्ण करने की तिथि 9 अप्रेल 2025 (18 माह) है। स्वीकृत फोरलेन फ्लाईओवर निर्माण कार्य के प्रोजेक्ट कार्य को शुरू हुए 15 माह हो चुके हैं, जो पिछले 10 माह से बन्दपड़ा है।
एईएन ने कहा -सडक़ सुरक्षा के लिहाज से खतरा

एईएन ने पत्र में लिखा कि संवेदक ने डीपीआर कन्सलटेन्ट की ओर से डिजाइन की गई पीयर की 25 मीटर गहराई की पाइल फाउन्डेशन एवं 1.80 मीटर पियर केप को डिजाइन से हटाकर साधारण ओपन फाउण्डेशन भर दी है, जिसका भुगतान भी फरवरी 2024 में उठा लिया गया था। संवेदक ने पियर नींव की डिजाइन को छोटा करके असुरक्षित (अनसेफ) कर दिया है, जिसकी डिजाइन जांच आई आई.टी. जोधपुर के विशेषज्ञों से कराना अति आवश्यक है। ज्ञात रहे कि डीपीआर कन्सलटेन्ट की ओर से तैयार डिजाइन की गई नींव का वित्तीय भार संवेदक अनुबंध की शिड्यूल में 12.13 प्रतिशत है, जो मौके पर निर्मित छोटी साइज की नींव के कारण एक प्रतिशत ही रह गया है।
क्या करना था

एईएन ने पत्रिका को बताया कि डीपीआर के अनुसार पिलर की नींव में छह पाइल चार-चार फीट व्यास के भरने थे, जिनकी गहराई 25 मीटर यानी करीब 80 फीट करनी थी। उसके ऊपर 6 फीट की चौकी बनाकर पिलर बनाना था।
क्या कर दिया

एईएन धुंधवाल ने बताया कि संवेदक ने पिलर की नींव में पाइल व 6 फीट की चौकी हटा दी और उसके स्थान पर साधारण 2 फीट की मोटाई की नींव भर दी, जो कमजोर व असुरक्षित है।
ठेकेदार का बचाव खड़े कर रहा सवाल

एईएन ने पत्र में लिखा कि उन्होंने पिछले 10 माह में बार-बार मुख्य अभियन्ता, अतिरिक्त मुख्य अभियन्ता, अधीक्षण अभियन्ता व एक्सईएन को फ्लाईओवर के गलत कार्य को लेकर अवगत कराया है। 16 मई 2024 को तकनीकी टिप्पणी के साथ पत्र भी लिखा। उच्च अधिकारियों को साइट निरीक्षण के दौरान व खण्ड कार्यालय में मीटिंग के दौरान भी कई बार अवगत कराया। ठेकेदार ने इपीसी अनुबंध के अनुसार साइट पर अनुभवी सडक़ सुरक्षा इंजीनियर स्टाफ नियोजित नहीं किया और न ही साइट स्थल पर प्रयोगशाला स्थापित की। इस प्रकार इपीसीअनुबन्ध की अवहेलना की गई। संवेदक को बार-बार नोटिस के उपरान्त भी कार्य प्रगति संतोषजनक नहीं होने के कारण मुख्य अभियन्तासानिविएन.एच जयपुर की ओर से 22 अगस्त 2024 को अनुबन्ध के तहत टरमिनेशन का नोटिस जारी किया गया, जो आज तक उच्च स्तर पर
अनिर्णय की स्थिति में लम्बितपड़ा है।

एईएन का पत्र मिला है, जांच करवाएंगे

खींवसर फ्लाईओवर के निर्माण की जांच को लेकर एईएन ने गुरुवार को मुझे पत्र दिया है। पत्र के बिन्दुपढकऱ ठेकेदार के साथ हुए एग्रीमेंट के आधार पर विशेषज्ञ टीम से जांच करवाएंगे।
– दीपक परिहार, अधिशासी अभियन्ता, पीडब्ल्यूडी एनएच, नागौर

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