सूत्रों के मुताबिक रविवार तड़के करीब चार बजे पुराना अस्पताल स्थित पालना गृह में अज्ञात नवजात (बालक) के मिलने की सूचना मिली। इस पर यहां तैनात चिकित्सक ने कोतवाली थाना पुलिस को सूचना दी। नवजात को एमसीएच विंग के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती किया गया। पीएमओ डॉ आरके अग्रवाल ने सीडब्लूसी अध्यक्ष डॉ मनोज सोनी को सूचित किया। मामला सीडब्लूसी के पास पहुंचते ही अलग सिरे से प्रक्रिया शुरू हो गई है।
इस संबंध में पांचौड़ी थाने में एक मामला दर्ज हुआ है, जिसमें एक नाबालिग की ओर से इस नवजात की जानकारी देते हुए आरोपी के खिलाफ शिकायत की गई है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि शिकायतकर्ता कौन है? सूत्रों से पता चला कि नाबालिग पुराना अस्पताल स्थित एमसीएच विंग लाई गई थी। बच्चा पालना गृह तक कैसे पहुंचा, यह अब तक ना पुलिस के समझ आ रहा है ना ही यहां मौजूद चिकित्सीय स्टाफ के।
गाड़ी में हुआ प्रसव, आवश्यक प्रक्रिया के बाद ले गए
प्रसव गाड़ी में अस्पताल लाते समय रास्ते में ही हो गया था। यहां आवश्यक चिकित्सीय प्रक्रिया के बाद मां/बच्चे को परिजन ले गए। उन्होंने यह भी कहा कि इस संदर्भ में और कोई कार्रवाई नहीं चाहते। अब पालना गृह तक नवजात कब और कैसे पहुंचा, यह पता नहीं।
डॉ गुलाब खुड़खुड़िया, एमसीएच विंग पुराना अस्पताल
इनका कहना
शिशु/मां उपचाराधीन है। पांचौड़ी थाने में इसके लिए जिमेदार युवक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अपने स्तर पर जांच कर रही है। नवजात पर दावे अथवा आगे की कानूनी प्रक्रिया अलग है। वे अभी पुलिस के अधिकार क्षेत्र की कार्रवाई कर रहे हैं।
–रामप्रताप विश्नोई, सीओ नागौर जेएलएन अस्पताल प्रबंधन की ओर से पालना गृह में एक नवजात शिशु (बालक) के प्राप्त होने की सूचना मिली है। नवजात उपचाराधीन है। इसकी देखरेख व अग्रिम कार्रवाई शिशु समिति को प्राप्त होने के बाद की जाएगी।
–डॉ. मनोज सोनी, अध्यक्ष सीडब्लूसी नागौर
होने को इंचार्ज पर कुछ भी बताने में विफल
इस संबंध में पांचौड़ी थाने में मामला दर्ज हुआ है, ऐसे में कार्रवाई का भार वहां के थाना प्रभारी हरजीराम पर आ गया। बावजूद इसके वो ना तो कुछ बता सके ना ही यह तय कर पा रहे थे कि आखिर मामले का करना क्या है? यहां तक कि रिपोर्ट क्या दर्ज हुई है, कार्रवाई क्या करेंगे अथवा आगे की प्रक्रिया क्या होगी, इससे भी अनजान थे। दो-तीन बार मोबाइल करने के बाद तो उनका नबर भी रेंज के बाहर हो गया।
ऐसा पहला मामला, पहले मां सौंप गई थी नवजात
सूत्र बताते हैं कि नवजात फेंकने के बाद तुरंत उसकी मां का पता लग गया, संभवतया यह ऐसा पहला मामला है। अब पुलिस क्या कार्रवाई करेगी और शिशु पर हक किसको मिलेगा, यह अलग-अलग मामला है। इससे पहले करीब दो साल पहले जेएलएन अस्पताल के एक वार्ड में मरीज की तीमारदारी को एक बुर्का पहने महिला/मां नवजात सौंप गई थी, बाद में इस बुर्के वाली का पता नहीं चल पाया। हालांकि शिशु को गोद दे दिया है।