ये है प्रावधान
निगम से मिली जानकारी के अनुसार मार्ग पर चलाने के लिए रोडवेज की बस आठ साल से ज्यादा पुरानी या नौ लाख किलोमीटर से ज्यादा नहीं चली होनी चाहिए। ऐसी स्थिति में बस को कंडम घोषित करने की सिफारिश की जाती है। बस संचालन से दुर्घटना का अंदेशा रहता है। वर्तमान में लंबी दूरी की ज्यादातर बसों में बैटरी, वायरिंग गियर की समस्या आ रही है। अक्सर चालक एवं परिचालकों को बीच राह आगार के वर्कशॉप में बसों की जांच करानी पड़ती है।बसों की संख्या
-863 कुल घोषित नाकारा बसों की संख्या-2900 निगम के कुल बसों की संख्या
-872 निगम में कुल अनुबंधित बसों की संख्या
राजस्थान रोडवेज डिपो में अनुबंध पर लिए जा सकेंगे कर्मचारी, गांव और ढाणियों के हजारों लोगों को मिलेगा फायदा
यह व्यवस्था होनी चाहिए
कर्मचारी फैडरेशन ने सरकार से प्रति वर्ष 1000 नई बस खरीदने, संचालन घाटे की पूर्ति के लिए 1200 करोड़ रुपए प्रति वर्ष बजट में प्रावधान करने और निगम को 6000 करोड़ की पैकेज राशि जारी करने की मांग की है-सत्यनारायण शर्मा, प्रदेश महामंत्री, राजस्थान परिवहन निगम संयुक्त कर्मचारी फैडरेशन
-रवि सोनी, कार्यकारी निदेशक ( यांत्रिक) राजस्थान परिवहन निगम, जयपुर