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Rajasthan Bypoll 2024: नागौर में भाजपा सरकार के भरोसे तो कांग्रेस-आरएलपी को ध्रुवीकरण से आस, इन वोटों पर नजर

Rajasthan Bypoll: चुनाव प्रचार के माहौल को देखते हुए खींवसर सीट त्रिकोणीय संघर्ष में फंसी हुई है। आरएलपी नेता जहां गांव ढाणी तक पहुंच रहे हैं, वहीं भाजपा और कांग्रेस भी मतदाताओं को रिझाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

नागौरNov 12, 2024 / 10:59 am

Rakesh Mishra

Rajasthan Bypoll
नागेश शर्मा

Rajasthan Bypoll: विधानसभा उपचुनाव में नागौर की खींवसर विधानसभा सीट पर सियासी मुकाबला कांटे का है। सर्वाधिक जाट मतदाताओं वाली इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस के साथ ही आरएलपी का प्रत्याशी जाट समुदाय का होने से दूसरे समाज के वोट निर्णायक भूमिका में नजर आ रहे हैं।
क्षेत्र में चुनाव प्रचार के माहौल को देखते हुए सीट त्रिकोणीय संघर्ष में फंसी हुई है। आरएलपी नेता जहां गांव ढाणी तक पहुंच रहे हैं, वहीं भाजपा और कांग्रेस भी मतदाताओं को रिझाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। नागौर से सियासी तासीर जानने के लिए मैं खींवसर विधानसभा क्षेत्र के गांव-ढाणियों में पहुंचा तो यहां पीने के लिए मीठा पानी और युवाओं के बीच रोजगार का बड़ा मुद्दा नजर आया। ग्रामीण आज भी टांकों में बारिश का पानी एकत्र करके वर्षभर पीने के काम ले रहे हैं। सिंचाई के लिए नहरों की बाट जोह रहे हैं। कुचेरा में मिले पुखराज ने कहा कि ढाणियों में मीठा पानी पहुंचे। सरकार नाडी-तालाबों का पुनरुद्धार कराए। सिंचाई के लिए नहर के प्रस्ताव तैयार हों।

कॉलेज में स्थायी शिक्षक लगे

खींवसर में चाय की थड़ी पर पहुंचा तो चुनावी चर्चा होती मिली। यहां विकास को लेकर बहस छिड़ी थी। जब पूछा तो रामप्रकाश बोले इसी चौराहे पर देख लो ओवरब्रिज का अधूरा निर्माण। ओमप्रकाश बोले सरकारी कॉलेज खोल दिए, लेकिन स्थायी नियुक्तियां नहीं होने तक इनका क्या फायदा।

हार-जीत से घटेगा-बढ़ेगा नेताओं का कद

विधानसभा उपचुनाव परिणाम कई नेताओं का कद भी तय करेगा। वर्ष 2008 के परिसीमन में बनी खींवसर सीट पर वर्तमान सांसद हनुमान बेनीवाल और उनके परिवार का कŽब्जा रहा है। इस बार यहां बेनीवाल की पत्नी चुनाव लड़ रही है। चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर और भाजपा नेता व पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा के लिए भी इस सीट पर जीत कई मायने रखती है। गठबंधन तोड़कर कांग्रेस भी यहां अपनी मतबूत पकड़ दिखाने के लिए कड़ी ट€कर दे रही है। खुद प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा चुनाव प्रचार का फीडबैक ले रहे हैं।

एससी के वोटों पर नजर

खींवसर सीट पर जाट समाज के बाद सर्वाधिक वोट एससी वर्ग के बताए जाते हैं। इन्हें साधने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। यदि बंटवारा नहीं हुआ तो जिस पार्टी पर एससी वोटर विश्वास जताएगा, उसके सिर पर ही जीत का ताज सजेगा। हालांकि अन्य जातियों के वोट को भी अपने पक्ष में करने के लिए यहां प्रत्याशी और नेता भाषणों में 36 कौम को तरजीह दे रहे हैं।

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