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नागौर

सांभर झील में बन रहे देश के पहले ट्रायल टे्रक का जोधपुर डीआरएम ने किया निरीक्षण

चौसला(नागौर). फुलेरा-जोधपुर रेलमार्ग पर बन रहे देश के पहले रेलवे टेस्ट ट्रैक का सोमवार को डीआरएम गीतिका पांडेय ने निरीक्षण किया। इस दौरान अधिकारियों ने टे्रक पर इंजन दौड़ाकर देखा।

नागौरNov 22, 2021 / 09:01 pm

Ravindra Mishra

सांभर झील में बन रहे देश के पहले ट्रायल टे्रक का जोधपुर डीआरएम ने किया निरीक्षण

चौसला. टे्रक पर सफलतापूर्वक ट्रायल होने के बाद विनर का सिम्बल देती डीआरएम।

ट्विस्टेड टे्रक का हुआ पहला ट्रायल

डीआरएम ने कहा कि आज भारत रेलवे तकनीक में उन्नति कर रहा है। पहले फेज में हुए कार्य को देखकर बहुत गर्व और आनंद की अनुभूति हो रही है। इस टे्रक पर रेलवे के हर प्रकार के टेस्ट किए जाएंगे। यहां टे्रक का कार्य पूरा होने के बाद 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से टेस्ट होंगे। आज पहले फेज में हुए कार्य का निरीक्षण किया तथा टे्रक पर रेल इंजन का ट्रायल रन करवाया, जो सफलतापूर्वक पूरा हुआ। ये ट्रायल 23.5 किमी में बनी रेलवे लाइन का ट्विस्टेड टेस्ट करने के लिए किया गया है। गौरतलब है कि सांभर झील किनारे स्थित रेलमार्ग पर गुढ़ासाल्ट से ठठाना मीठड़ी के बीच देश के पहले रेलवे ट्रायल टे्रक का निर्माण किया जा रहा है। टे्रक का निर्माण कार्य रिसर्च डिजाइन एंड स्टैण्डर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) लखनऊ की ओर से किया जा रहा है। पहले फेज में निर्माण कार्य फरवरी 2019 में गुढ़ासाल्ट से शुरू हुआ था। ये टे्रक अमरीका, चीन, जापान, ऑस्टे्रलिया व जर्मनी जैसे देशों की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है। यहां 200 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हाईस्पीड टे्रनें, रेग्युलर, गुड्स वैगन का ट्रायल होंगे।
भारतीय ट्रेनों को मिलेगी रफ्तार

फुलेरा-जोधपुर रेलमार्ग पर विश्वस्तरीय ट्रायल ट्रेक बनने के बाद भारतीय टे्रनें हवा से बातें करती नजर आएगी। भारत में इस समय किसी भी ट्रेन के लिए परीक्षण टे्रक नहीं है। जिस कारण टे्रनों की स्पीड कम है। यहां टे्रक बनने के बाद विदेशों की तर्ज पर हाईस्पीड टे्रनें, रेग्युलर, गुड्स वैगन के ट्रायल किए जा सकेंगे।
प्रोजेक्ट पर एक नजर
प्रोजेक्ट का नाम : गुढ़ासाल्ट से ठठाना मीठड़ी

कार्य आरंभ : फरवरी 2019

टै्रक की कुल लम्बाई : 59 किमी.
टै्रक पर छोटे-बड़े पुल : 76 व 9

टै्रक पर स्टेशन: चार
विश्वस्तीय आधुनिक लैब का निर्माण होना है
125 करोड़ का हुआ काम
पहले फेज के निर्माण कार्य में अब तक 125 करोड़ रुपय से ज्यादा खर्च हो गए हैं। प्रोजेक्ट में अभी करोड़ों के कई महत्वपूर्ण टेंडर होना बाकि है। केन्द्र सरकार ने इसके लिए बजट घोषणा 2018-19 में 353 करोड़ रुपए मंजूर किए। रेलवे को 412 करोड़ रुपए के करीब और बजट की सौगात मिलने के आसार हैं।
इनका कहना

आज आदेशानुसार टे्रक का निरीक्षण करने जोधपुर से आई हूं। 23.5 किमी. ट्विस्टेड ट्रेक जिसकी कमीशनरी 30 दिसम्बर 2020 को पहले हो चुकी थी। आज उसका पहला टेस्ट ट्रायल था।

– गीतिका पांडेय, डीआरएम, जोधपुर

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