58 निलंबित, 23 बहाल
ड्रग्स की तस्करी के मामलों में संलिप्तता पाए जाने पर पुलिस विभाग के 58 अधिकारी/ कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया। इनमें से 23 को वापस बहाल कर दिया गया।कोई टिफिन में सप्लाई कर रहा अफीम तो कोई बेचता मिला ड्रग्स
संलिप्त अधिकारी व कर्मचारियों पर तस्करों से पैसे लेकर छोड़ने के अलावा विभाग की गुप्त जानकारी तस्करों से साझा करने के आरोप हैं। कुछ पुलिसकर्मी तो तस्करों के साथ वाहनों से अफीम, स्मैक सहित अन्य मादक पदार्थ एवं नशीली गोलियां तस्करी करते पकड़े गए।इन जिलों में स्थिति गंभीर
पांच वर्ष में ड्रग्स तस्करी संलिप्तता के मामलों में मात्र छह जिलों के नाम हैं। इनमें बालोतरा में एक, बीकानेर में तीन, गंगानगर में चार, प्रतापगढ़ में छह तथा चित्तौडगढ़ में 17 अधिकारी/ कर्मचारी संलिप्त पाए गए।चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा व सिरोही में ज्यादा मामले
एक जनवरी 2019 से 31 दिसम्बर 2023 तक सबसे अधिक 6 प्रकरण चित्तौड़गढ़ में, 5 भीलवाड़ा में तथा 4-4 सिरोही व तृतीय बटालियन में दर्ज किए। इसी प्रकार जोधपुर-पाली में भी 3-3 प्रकरण दर्ज किए गए। टोंक, जयपुर, चूरू, करौली, बाड़मेर, उदयपुर, प्रतापगढ़ में एक से दो मामले दर्ज किए गए।35 के खिलाफ मामले दर्ज
गृह विभाग अनुसार प्रदेश में एक जनवरी 2019 से 31 दिसम्बर 2023 तक ड्रग्स की तस्करी के मामलों में राजस्थान पुलिस के कुल 66 अधिकारियों और कार्मिकों की संलिप्तता मिली। इसके बाद विभाग ने 35 पुलिस अधिकारी और कर्मचारी के विरुद्ध 31 प्रकरण तथा उक्त दर्ज प्रकरणों के अतिरिक्त 31 अधिकारी और कर्मचारियों के विरुद्ध ड्रग्स तस्करी के मामलों में विभागीय जांच शुरू की गई।8वां वेतन आयोग लागू भी नहीं हुआ और खाली होने लगे खाते, ठगों के निशाने पर सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स
उच्च स्तर पर निगरानी भी रखी जाती है
कानून सबके लिए एक है। पुलिसकर्मी हो या फिर अन्य सरकारी कर्मचारी। अपराधियों से मिलीभगत करने पर सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। उच्च स्तर पर इसके लिए निगरानी भी रखी जाती है।-दिनेश एम एन, एडीजी क्राइम, राजस्थान