Nagaur patrika…चार साल तक इंतजार करने के बाद भी न सडक़े बनी, न ही अन्य विकास कार्य हुए
अब क्षेत्रीय जनता मांग रही है जवाब, लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधि भी परेशान-शहर के बीकानेर रोड स्थित कॉलोनियों में नहीं पहुंची विकास की किरण-वार्ड में 50 फीसदी से ज्यादा जनता के पास नहीं है पानी तक के कनेक्शननागौर. चार साल हो गए, लेकिन शहर के कई वार्डों में विकास की किरण नहीं पहुंची है। सडक़ें, गलियों […]
अब क्षेत्रीय जनता मांग रही है जवाब, लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधि भी परेशान
-शहर के बीकानेर रोड स्थित कॉलोनियों में नहीं पहुंची विकास की किरण
-वार्ड में 50 फीसदी से ज्यादा जनता के पास नहीं है पानी तक के कनेक्शन
नागौर. चार साल हो गए, लेकिन शहर के कई वार्डों में विकास की किरण नहीं पहुंची है। सडक़ें, गलियों एवं सीवरेज की स्थिति बेहद गंभीर है। ऐसे ही वार्डों में शामिल शहर का वार्ड नंबर एक है। यहां पर न तो सडक़ों का जाल बिछाया गया, और ही आवासीय क्षेत्रों में पहुंचने वाले उपमार्ग यानि की गलियों के निर्माण किए गए। कुछ जगहों पर सडक़ें बनी भी तो बनने के छह माह बाद भी पूर्ववत स्थिति में आ गई। हास्यास्पद स्थिति यह है कि इनके क्षेत्रों में सीवरेज लाइन का जाल तो बिछा दिया गया, मगर इसके कनेक्शन लोगों को अब तक नहीं दिए गए।
तकरीबन 10 किलोमीटर एरिया में फैले शहर के वार्ड नंबर में छह से सात हजार लोगों का रहवास है। कुल कालोनियों की संख्या 20 है। यानि की जनसंख्या एवं भौगोलिक दृष्टि से नागौर नगर परिषद का यह सबसे बड़ा वार्ड है। अच्छी-खासी आबादी संख्या में होते हुए भी यह वार्ड विकास के मायने काफी पिछड़ा हुआ है। शहर के बीकानेर रोड स्थित इस वार्ड में आधा दर्जन से अधिक कॉलोनियों में तो बसावट से लेकर आज तक एक भी सडक़ नहीं बनी। वार्ड में प्रवेश करने पर लगता ही नहीं कि शहर में मौजूद हैं। यहां के बाशिंदे भी शहर की सरकार एवं जिम्मेदार अधिकारियों से नाराज हैं।
35 साल बाद भी सडक़ नहीं मिली
शहर का पहला वार्ड यानि की वार्ड संख्या एक बीकानेर रोड रेलवे फाटक पार से शुरू हो जाता है। इसके बाद दांयी ओर से सीधी गए बीकानेर रोड स्थित बालवा रोड तक की कॉलोनियां भी इसी वार्ड में आती है। इसमें राजपूत कॉलोनी, श्रीराम कॉलोनी,न्यू श्रीराम कॉलोनी, शिव कॉलोनी खटीक मोहला, जम्भेश्वर कॉलोनी, शिवा जी कालोनी, महावीर नगर बीकानेर रोड़, भगत सिंह कॉलोनी, दरियाव कॉलोनी, मानसरोवर कॉलोनी, साईनाथ कॉलोनी, मंगलम नगर,प्रेम नगर, श्याम बिहार कॉलोनी, सालासर नगर, शास्त्री नगर,, हीरा नगर, अग्रसेन कॉलोनी, महादेव नगर रेलवे लाईन के पास, बाबा नगर राजपूत कॉलोनी, न्यू हाऊसिंग बोर्ड आदि कॉलोनियां शामिल हैं। इनमें से किसी भी कॉलोनी में प्रवेश कर विकास कार्यों की स्थिति देखी जा सकती है। कॉलोनियों में स्थिति यह है कि कईयों के पास पानी के कनेक्शन तक नहीं है, और सडक़ के नाम पर ऊंचे, नीचे रास्तों के साथ ही कई जगहों पर हुए खड्डे खुद-ब-खुद जिम्मेदारों की पोल खोलते हुए नजर आते हैं।
जनता की जुबानी…समस्याएं
कॉलोनी में सभी जगहों पर सीवरेज लाइन तो डाली जा चुकी है, लेकिन घरों के सामने सीवरेज लाइन के आधे-अधूरे कार्य हुए हैं। कई जगहों पर तो सीवरेज ही नहीं है। सडक़ें भी बनी है। घरों के सामने कीचड़ रहता है।
सीताराम बिश्नोई, श्रीराम कॉलोनी
कॉलोनी में बसे हुए 30-35 साल हो गए, लेकिन मूलभूत सुविधाएं अब तक नहीं मिल पाई है। अधिकारियों को खुद ही वार्डों का दौरा कर स्थिति देखनी चाहिए। सडक़ें तो दूर की बात है, गलियां तक नहीं बनी है।
रघुवीर मुण्ड, राजपूत कॉलोनी
बरसों से कॉलोनी में हम लोग रह रहे हैं, लेकिन आज तक क्षेत्र में पक्की सडक़ नहीं बनी। गंदे पानी की निकासी के लिए भी कोई रास्ता नहीं बनाया गया है। कई बार इसको लेकर स्थिति बेहद खराब हो जाती है।
सोनू गौड़, श्रीराम कॉलोनी
वार्ड में न तो सडक़ बनी, न ही सीवरेज व्यवस्थित हो सका, और न ही लोगों को जल कनेक्शन तक दिए गए। इस पूरे वार्ड की हालत ही बेहद खराब है। शहर में होते हुए भी इस वार्ड को उपेक्षित कर दिया गया है। स्थिति यह है कि घर के सामने से सीवरेज लाइन निकली है, लेकिन कनेक्शन नहीं है।
मोहन डूडी, राजपूत कॉलोनी बालवा रोड़
वार्ड में सडक़, सीवरेज एवं सफाई व्यवस्था को सुचारु बनाए जाने के लिए काफी प्रयास किए गए हैं। इसके बाद भी अब तक इसको व्यवस्थित करने में सफलता नहीं मिली है। क्षेत्रफल की दृष्टि से शहर के सबसे बड़े वार्ड में शुमार होने के बाद भी जिम्मेदार सोचते हैं कि हमारा वार्ड शहर का हिस्सा ही नहीं है।
गोविंद कड़वा, पार्षद, वार्ड नंबर एक
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