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नागौर

मेरी याद में तुम ना आंसू बहाना…

राजस्थान पत्रिका व भामाशाह किरोड़ीमल कड़ेल के संयुक्त तत्वावधान में बालसमंद स्थित गीतादेवी कड़ेल भवन में रविवार को ‘स्वर साधना’ कार्यक्रम में अलग-अलग

नागौरSep 25, 2017 / 12:21 pm

Sandeep Pandey

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राजस्थान पत्रिका के ‘स्वर-साधना’ कार्यक्रम में घुली शास्त्रीय संगीत की मिठास
नागौर. राजस्थान पत्रिका व भामाशाह किरोड़ीमल कड़ेल के संयुक्त तत्वावधान में बालसमंद स्थित गीतादेवी कड़ेल भवन में रविवार को ‘स्वर साधना’ कार्यक्रम में अलग-अलग गायकी के रंग में रंगा नजर आया। गज़लें, भूले बिसरे गीत, भजन और शास्त्रीय रागों की बंदिशों का दौर चला। किसी ने धार्मिक ग्रंथ गीता की महिमा सुनाई तो कोई पुराने गीतों के पिटारे से अनमोल गीत निकालकर सुरों में पिरोता नजर आया। किसी ने स्वरों की बंदिशों में ढालकर गज़लों के शब्दों को स्वरों से आकार दिया तो कोई शास्त्रीय रागों पर आधारित बंदिशों के खजाने लुटाने पर आमादा रहा। कानों में मिठास घोलती ‘स्वर-साधना’ श्रोताओं को आनंदित करती रही। कार्यक्रम सम्पन्न होने तक श्रोताओं का हुजूम अलग-अलग रागनियों का आनंद लेते देखा गया। संगीत के पुजारियों ने श्रोताओं को रिझाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। भामाशाह कड़ेल ने सभी कलाकारों का उत्साह वद्र्धन किया। गोविंद कड़ेल, विशाल, कुशाल, हेमंत, अभिषेक कड़ेल ने सहयोग किया। स्वरूप देहरा, निरंजन सोनी, युसूफ, कुंवरकांत झा, जंवरीलाल भट्ट, भागचंद, विजय देहरा, बसंत जोशी, भागीरथ शर्मा आदि ने शिरकत की।

गुरु- शिष्या ने बांधा समां
स्वर साधना में रविवार को निकटवर्ती हरिमा के संगीत शिक्षक भूराराम शर्मा व उनकी शिष्या कांता शर्मा ने अलग-अलग रागों की बंदिशे व तराने सुनाकर समां बांध दिया। संगीत शिक्षक शर्मा ने अलग-अलग रागों पर आधारित बंदिशे सुनाई तथा गुरु के आदेश पर कांता शर्मा ने राग दरबारी कानड़ा में ‘घर जाने दे छोड़ मेरी बयां’ तथा बड़ा खयाल ‘पत्तियां ना आई…’ सुनाकर माहौल में सुरों की मिठास घोल दी। इससे पूर्व आकाशवाणी गायक कैलाश माकड़ ने ‘बस्ती-बस्ती पर्वत-पर्वत गाता जाए बंजारा’, ‘मेरी याद में तुम न आंसू बहाना’ जैसी एक से एक रचनाएं पेश की। कार्यक्रम में नरेन्द्र पारीक, लक्ष्मीनारायण सोनी, शरद जोशी, प्रीतम भट्ट, गणेश त्रिवेदी ने प्रस्तुतियां दी। गणेश वंदना देवेन्द्र त्रिवेदी ने की और कई गज़लें पेश की। तबले पर एल.के. झा, नरेन्द्र जोशी ‘प्रेमी’, अजय व्यास ने संगत की।

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