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नागौर

डीडवाना-कुचामन नया जिला तो बन गया, पर नागौर ने क्या खोया, क्या पाया, पढिए रिपोर्ट

पांच विधानसभा क्षेत्र के साथ नागौर से अलग होकर डीडवाना-कुचामन बना नया जिला- डीडवाना को मिली तवज्जो, बनेगा अस्थाई जिला मुख्यालय, नागौर जिले का संभाग अजमेर रखा, अजमेर संभाग में अब होंगे सात जिले
 

नागौरAug 05, 2023 / 05:06 pm

shyam choudhary

नागौर से अलग होकर डीडवाना-कुचामन बना नया जिला

नागौर से अलग होकर डीडवाना-कुचामन बना नया जिला

नागौर. राज्य सरकार ने शुक्रवार को प्रदेश के 19 नए जिलों के नोटिफिकेशन को मंजूरी दे दी। कैबिनेट की बैठक में नए जिलों के नोटिफिकेशन को मंजूरी के साथ ही खुशी छा गई। अब राजस्थान में कुल 50 जिले हो गए। नागौर जिले से अलग कर बनाए गए नए डीडवाना-कुचामन जिले में 6 उपखंड और 8 तहसीलें शामिल की गई, जबकि शेष बचे नागौर जिले में अब 7 उपखंड व 9 तहसीलें रहेंगी। नागौर और डीडवाना-कुचामन जिलों में विधानसभा की संख्या 5-5 रहेगी, लेकिन जनसंख्या और क्षेत्रफल की दृष्टि से देखें तो नागौर जिला बड़ा रहेगा। खास बात यह भी कि नागौर व डीडवाना-कुचामन जिले का संभाग अब भी अजमेर रहेगा। पहले यह कयास लगाए जा रहे थे कि नागौर से डीडवाना-कुचामन अलग होने के बाद नागौर को जोधपुर संभाग में शामिल किया जा सकता है, लेकिन नागौर को भी अजमेर संभाग में ही रखा है। ऐसे में अजमेर संभाग में अब सात जिले हो गए, जिसमें अजमेर, नागौर, टोंक, डीडवाना-कुचामन, ब्यावर, केकड़ी व शाहपुरा जिला शामिल है।
मिनी सचिवालय बनने तक जिला कलक्टर कार्यालय डीडवाना में संचालित होगा

डीडवाना-कुचामन जिले के पुनर्गठन की घोषणा बजट सत्र में कर दी गई थी, लेकिन जिला मुख्यालय को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं होने से क्षेत्र के लोगों में जिज्ञासा थी। उधर, नावां व डीडवाना विधायक अपने-अपने प्रयास कर रहे थे। दोनों विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्र में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सभाएं करवाकर जिला मुख्यालय की घोषणा करवाने का प्रयास किया, लेकिन सीएम ने मौन साधे रखा। शुक्रवार को जारी किए गए नोटिफिकेशन में जिला मुख्यालय डीडवाना को बनाने के संकेत दिए गए हैं। हालांकि विवाद की स्थिति नहीं बने, इसलिए अभी तक यह कहा गया कि मिनी सचिवालय बनने तक जिला कलक्टर कार्यालय अस्थाई तौर पर डीडवाना में संचालित होगा, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि अब जिला मुख्यालय डीडवाना ही बनेगा। ऐसे में गत दिनों सरकार की ओर से नए जिलों में विशेषाधिकारी के रूप में लगाए गए आईएएस और आईपीएस अफसरों का पद भी अब जिलों की अधिसूचना जारी होने से कलक्टर और एसपी हो जाएगा।
यह रहेगा दोनों जिलों का स्वरूप

– डीडवाना-कुचामन जिले में डीडवाना, लाडनूं, परबतसर, मकराना, नावां और कुचामन सिटी छह उपखंड हाेंगे। वहीं डीडवाना, मौलासर, छोटी खाटू, लाडनूं, परबतसर, मकराना, नावां और कुचामन सिटी आठ तहसीलें होंगी।- नागौर जिले में नागौर, खींवसर, मूण्डवा, मेड़ता सिटी, डेगाना, जायल व रियांबड़ी सात उपखंड हाेंगे। नागौर, खींवसर, मूण्डवा, मेड़ता, डेगाना, रियांबड़ी, जायल, सांजू व डेह 9 तहसीलें होंगी।
यह रहेगी संभावित जनसंख्या

– जिला निर्वाचन विभाग ने सितम्बर 2018 में जिले में 23 लाख, 55 हजार 892 मतदाता थे तथा अनुमानित जनसंख्या 36 लाख, 80 हजार 861 मानी थी, जिसके हिसाब से डीडवाना-कुचामन जिले में आने वाली विधानसभाओं की कुल जनसंख्या 18 लाख 9 हजार 233 मानी गई, जबकि शेष नागौर जिले में आने वाली पांच विधानसभाओं की जनसंख्या 18 लाख 71 हजार 628 मानी गई।- इसके बाद वर्ष जनवरी 2021 में मतदाताओं की संख्या 26 लाख, 29 हजार, 141 हो गई, वहीं जिले की प्रोजेक्टेड जनसंख्या 38.14 लाख मानी गई। इस लिहाज से पिछले ढाई साल में करीब पौने दो लाख जनसंख्या और बढ़कर करीब 40 लाख हो चुकी। ऐसे में वर्ष 2018 के आंकड़ों के अनुसार अनुमान लगाएं तो नागौर जिले में करीब 21 लाख तथा डीडवाना-कुचामन में करीब 19 लाख की जनसंख्या होगी।
इसलिए जरूरी था नया जिला बनाना

नागौर जिला क्षेत्रफल की दृष्टि से प्रदेश का पांचवां तथा जनसंख्या की दृष्टि से चौथा सबसे बड़ा जिला था। नावां, परबतसर, लाडनूं, कुचामन, मकराना की दूरी नागौर जिला मुख्यालय से 125 से 170 किलोमीटर तक है। ऐसे में इन उपखंड क्षेत्र के अधिकारियों के साथ आमजन के लिए भी जिला मुख्यालय पर आना काफी मुश्किल भरा होता था। चुनाव सहित अन्य कार्यों में भी काफी परेशानी होती थी।
जिले का पुनर्गठन क्षेत्रीय विकास के लिहाज से सही

वर्तमान में नागौर जिले की अनुमानित जनसंख्या करीब 40 लाख है तथा क्षेत्रफल 17,718 वर्ग किलोमीटर है। नागौर से डीडवाना-कुचामन को नया जिला बनाया है, जिसमें डीडवाना, लाडनूं, नावां, मकराना व परबतसर विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया है। शेष भाग नागौर जिले में नागौर, खींवसर, मेड़ता, डेगाना व जायल विधानसभा क्षेत्र रहेंगे। क्षेत्र छोटा होने से विकास तेज गति से होगा। योजनाओं की क्रियान्विति एवं उनकी मॉनिटरिंग भी बेहतर ढंग से हो सकेगी।
कौन-किसमें मजबूत

औद्योगिक व कृषि उत्पादन

उद्योग व कृषि उत्पादन की दृष्टि से नागौर जिला ज्यादा सम्पन्न है। नागौर में जीरा, मूंग, ईसबगोल, मैथी का उत्पादन बड़े स्तर पर किया जाता है। एक प्रकार से डीडवाना-कुचामन से डेढ़ से दो गुना उत्पादन नागौर में होता है। इस साल के खरीफ बुआई के आंकड़े देखें तो नागौर के मेड़ता सिटी उप जिला क्षेत्र में 7.93 लाख हैक्टेयर से ज्यादा में बुआई हुई है, जबकि कुचामन सिटी उप जिला क्षेत्र में 4.21 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में बुआई हुई है। वहीं मार्बल के खनन व नमक उत्पादन में डीडवाना-कुचामन का क्षेत्र सम्पन्न है। दोनों ही उद्योग अपने आप में विश्व विख्यात है। नागौर जिले के मूण्डवा व गोटन में सीमेंट की बड़ी फैक्टि्रयां होने के साथ लाइम स्टोन का भी बड़े स्तर पर भंडार है। इसके साथ जिप्सम, लिग्नाइट कोयला के भंडार भी नागौर जिले में हैं।
शिक्षा :- उच्च शिक्षा के क्षेत्र में देखें तो जिले में कुल 28 सरकारी कॉलेज हैं, जिनमें 14 कॉलेज नागौर जिले में तथा 14 ही डीडवाना- कुचामन जिले में होंगे। नागौर में एक विधि कॉलेज है तो एक नावां में है। डीडवाना- कुचामन में दो कृषि कॉलेज डीडवाना व नावां में राज्य सरकार के हैं तो नागौर में एक कृषि कॉलेज जोधपुर कृषि विवि का है। नागौर में मेडिकल कॉलेज व नर्सिंग कॉलेज बन रहे हैं। पॉलिटेक्नीक कॉलेज संचालित हैं। कुचामन में सरकारी एसटीसी भी है।
स्कूल शिक्षा की बात करें तो स्वामी विवेकानन्द मॉडल राजकीय स्कूल सहित निजी क्षेत्र के कई अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय डीडवाना -कुचामन के साथ अन्य उपखंडों में भी संचालित हैं। कुचामन सिटी एज्युकेशन हब बन रहा है, जहां 300 से अधिक कोचिंग सेंटर, बड़े-बड़े निजी स्कूल हैं। नागौर जिले का नवोदय विद्यालय भी कुचामन सिटी में है। नागौर जिले में जिला मुख्यालय पर केन्द्रीय विद्यालय है।
चिकित्सा : चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में नागौर में जिला मुख्यालय पर 300 बेडेड जेएलएन अस्पताल है तथा 190 बेड का अस्पताल भवन तैयार हो रहा है। इसी अस्पताल में ऑक्सीजन के पांच प्लांट हैं। जिले के अन्य उपखंड मुख्यालयों पर उप जिला अस्पताल व सीएचसी स्तर के अस्पताल हैं। वहीं डीडवाना -कुचामन जिले में दोनों शहरों में जिला अस्पताल खोले जा चुके हैं।
सड़क एवं रेल परिवहन
नागौर जिले में मेड़ता रोड बड़ा जंक्शन है, जिला मुख्यालय का रेलवे स्टेशन भी बड़ा है, जहां से राज्य व देश की राजधानी को जोड़ने वाली रेलें हैं। सड़क मार्ग के लिहाज से भी तीन राष्ट्रीय राजमार्ग गुजर रहे हैं। डीडवाना – कुचामन जिले से किशनगढ़-हनुमानगढ़ मेगा हाइवे, नेशनल हाइवे 458, स्टेट हाइवे मौलासर-तोषिना, दौलतपुरा-लोसल स्टेट हाइवे 92 गुजरते हैं। डीडवाना शहर में एनएसजी-5 रेलवे स्टेशन स्थित है। कुचामन के पास नारायणपुरा में रेलवे स्टेशन है। मकराना व नावां में भी बड़े रेलवे स्टेशन हैं।
जलापूर्ति :

जलापूर्ति के लिहाज से नागौर जिला ज्यादा मजबूत है, क्योंकि नोखा-दैया से पहले पानी नागौर में आता है। डीडवाना-कुचामन जिले में कुछ सप्लाई नागौर के जोधियासी से होकर जाती है तो नावां क्षेत्र में बिसलपुर बांध का पानी सप्लाई किया जाता है। जल जीवन मिशन का काम दोनों जिलों में चल रहा है।————
सियासी हाल :

डीडवाना को जिला मुख्यालय बनाने से विधायक चेतन डूडी की पकड़ अधिक मजबूत दिखी हैं, हालांकि मुख्यमंत्री के नजदीक माने जाने वाले नावां विधायक महेन्द्र चौधरी भी कहीं कम नहीं दिख रहे। अस्थाई शब्द लिखा जाने से स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं हुई।
अधिकारिक घोषणा बाकी

जिला मुख्यालय की अधिकारिक घोषणा होना अभी शेष है। डीडवाना में जिला कलक्टर के लिए बैठने की व्यवस्था है, इसलिए अस्थाई तौर पर जिला कलक्टर कार्यालय डीडवाना में रहेगा। मिनी सचिवालय कहां बनेगा, यह मुख्यमंत्री तय करेंगे।- चेतन डूडी, विधायक, डीडवाना
जिला मुख्यालय अभी तय नहीं

सरकार ने प्रदेश में 19 नए जिलों की सौगात दी है। इनमें से प्रदेश में 18 जिलों के मुख्यालय तय किए है। जबकि डीडवाना-कुचामन जिला मुख्यालय अभी तक तय नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री की नावा कुचामन पर कृपा है। यहां की जनता की भावनाओं का मुख्यमंत्री ध्यान रखते हैं।महेन्द्र चौधरी, नावां विधायक एवं उपमुख्य सचेतक
डीडवाना रहेगा अस्थाई मुख्यालय

सरकार के निर्देशानुसार डीडवाना-कुचान का मिनी सचिवालय भवन बनने तक अस्थाई जिला मुख्यालय डीडवाना से संचालित होगा।

– सीताराम जाट, ओएसडी, डीडवाना-कुचामन जिला—-

कार्यक्रम डीडवाना में होगा
नए जिले के जिला मुख्यालय को लेकर मेरे पास कोई जानकारी नहीं है, लेकिन 7 अगस्त को जो हर जिले में कार्यक्रम होंगे, वो डीडवाना में होगा।
– डॉ. अमित यादव, जिला कलक्टर, नागौर

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