काश ! 21 साल की कुंती ने पहना होता हेलमेट तो परिवार पर नहीं टूटता कहर, बार-बार बेहोश हो रही मां
दिहाड़ी थी कमाई का जरियामृतक छोटूराम अपने परिवार के साथ शादी समारोह सहित अन्य कार्यक्रमों में होने वाले भोज के दौरान बर्तन धोने का कार्य करता था। यही उसके परिवार की कमाई का जरिया था। रविवार सुबह भी वे घर से पत्नी, छोटे पुत्र व बहन के साथ चुई गांव में बर्तन धोने के लिए निकले थे, लेकिन वापस नहीं लौटे। इस हृदय विदारक घटना के बाद दोपहर को चुड़ियास में मृतक छोटूराम, उसकी पत्नी सुमन और दो साल के मासूम पुत्र रोहित के शव पहुंचे तो परिजन रो-रो कर बेहाल हो गए। घर से एक साथ तीन अर्थियां उठी तो लोगों की आंखों से आंसू निकल आए। एक ही चिता पर तीनों शवों का अंतिम संस्कार किया गया। जबकि रेखा सांसी का उसके सुसराल रेण में गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया।