नागौर

नागौर की जनसुनवाई में संभागीय आयुक्त आरुषि मलिक ने अधिकारियों को लगाई फटकार

मकराना खनि अभियंता व नागौर तहसीलदार को कार्य में लापरवाही बरतने पर जारी किए कारण बताओ नोटिस नागौर परिषद आयुक्त जोधाराम विश्नोई से कहा – सुधर जाओ, बहुत शिकायतें हैं आपकी

नागौरSep 24, 2020 / 10:32 am

shyam choudhary

DC Dr Aarushi Malik reprimanded officers in Nagaur’s public hearing

नागौर. अजमेर संभागीय आयुक्त आरुषि मलिक ने मंगलवार को पंचायत समिति सभागार में जिला स्तरीय जनसुनवाई कर एक ओर जहां आमजन को राहत प्रदान करने का प्रयास किया, वहीं कार्य के प्रति लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कार्यशैली सुधारने के निर्देश दिए। संभागीय आयुक्त मलिक ने अतिक्रमण हटाने में लापरवाही बरतने पर नागौर तहसीलदार सुभाषचंद्र चौधरी व मकराना में नियम विरुद्ध खनन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर मकराना खनि अभियंता प्रवीण कुमार खाटकी को कारण बताओ नोटिस जारी किए। साथ ही नागौर नगर परिषद आयुक्त जोधाराम विश्नोई को चेताते हुए कहा कि कार्यशैली में सुधार कर लो, उनके खिलाफ कार्रवाई करने में देर नहीं लगेगी। मलिक ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा अनुसार आमजन को राहत देने एवं जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र लोगों को मिले, इसके लिए हम सब को काम करना है, इसमें यदि कोई लापरवाही बरतेगा तो उसे बर्दास्त नहीं किया जाएगा।
कल्याणकारी योजनाओं के शीघ्र क्रियान्वयन के दिए निर्देश
अतिरिक्त संभागीय आयुक्त सत्तार खान एवं जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी सहित जिला एवं उपखंड स्तरीय अधिकारियों की उपस्थिति में संभागीय आयुक्त मलिक ने अजमेर संभाग में रास्ता खोलो अभियान की जानकारी देते हुए नागौर जिले में संचालित अभियान में तीव्रता लाने का आह्वान किया। जनसुनवाई के दौरान आए विभिन्न परिवादों को देखते हुए संभागीय आयुक्त ने राजस्व अधिकारियों व विकास अधिकारियों को विभिन्न शालाओं में खेल मैदान से संबंधित आवंटन प्रक्रिया को शीघ्र पूर्ण करने तथा विभिन्न गांवों में श्मशान के लिए भूमि आवंटन करने का कार्य शीघ्रता से करने के निर्देश दिए। उन्होंने नागौर जिले में अनेक सरपंचों की मांग पर गांव में सार्वजनिक प्रयोजनार्थ पृथक से स्थान निर्धारित करने की कार्य योजना पर ध्यान देने तथा इस संबंध में अन्य क्या वैकल्पिक समाधान किया जा सकता है, इस दृष्टि से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने ने अलाय, कृष्णापुरा, बाराणी, छीला, खारी कर्मसोता, सुथारों की ढाणी, श्रीबालाजी सहित अनेक गांवों में जल व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए। बापोड़ तथा कुम्हारी गांव के तालाब के समीप से विद्युत लाइन हटाने के संबंध में भी जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों द्वारा मांग की गई, जिस पर संभागीय आयुक्त ने निगम के अधिकारियों को शीघ्र ही मौका मुआयना करके समाधान करने के निर्देश दिए, ताकि जान-माल की हानि से बचा जा सके।
रोहिणी चिकित्साधिकारी के खिलाफ जांच के निर्देश
जनसुनवाई के दौरान सरपंच ने गांव के राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में नियुक्त चिकित्साधिकारी द्वारा नशावृति करने तथा मरीजों के साथ दुव्र्यवहार करने की शिकायत की, जिस पर संभागीय आयुक्त ने बीसीएमओ डॉ. महेन्द्रसिंह मीणा को मामले की जांच करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि शिकायत सही पाई जाने पर संबंधित चिकित्साधिकारी को रोहिणी पीएचसी से हटाकर अन्यंत्र लगाया जाए। सरपंचों द्वारा सामूहिक रूप से यह मांग की गई कि कृषि भूमि पर बिजली कनेक्शन के लिए जब जमाबंदी संलग्न है तो भी डिस्कॉम के अधिकारियों द्वारा सरपंचों के हस्ताक्षर की मांग की जा रही है तथा आबादी क्षेत्र होने पर पट्टा होने पर भी सरपंचों के हस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं है। ग्रामीणों को इस संबंध में अनावश्यक परेशान किया जा रहा है। इस पर संभागीय आयुक्त ने सहमति व्यक्त करते हुए डिस्कॉम अधिकारियों से इस संबंध में आवश्यक सावधानी रखने व आवेदकों की पत्रावलियों का शीघ्र निस्तारण करने का निर्देश दिए।
मृत्युभोज पर पूर्ण रूप से लगे रोक, धर्मगुरुओं का सहयोग लें: मलिक
नागौर. राज्य सरकार की ओर से मृत्युभोज पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जा चुका है, इस आदेश को धरातलीय स्तर पर लागू करवाने के लिए उपखण्ड अधिकारी ग्राम स्तर पर पटवारी व ग्रामसेवक की मॉनिटरिंग के साथ-साथ सामाजिक बदलाव लाने का काम भी करें। यह निर्देश संभागीय आयुक्त डॉ. आरुषि अजेय मलिक ने मंगलवार को जिला स्तरीय अधिकारियों की समीक्षात्मक बैठक में दिए।
संभागीय आयुक्त डॉ. मलिक ने मृत्यभोज को लेकर अब तक हुई कार्रवाई की रिपोर्ट जानने के बाद उपखण्ड अधिकारियों व विकास अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस कुरीति को बंद करवाने में धर्म गुरुओं, विभिन्न समाजों के गणमान्य नागरिकों तथा सामाजिक उत्थान के क्षेत्र में काम कर रहे स्वयंसेवी संगठनों का सहयोग लें। धर्म गुरुओं व समाज अध्यक्षों व पदाधिकारियों से मृत्युभोज बंद करने को लेकर अपील जारी करवाएं।
जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने कहा कि मृत्युभोज जैसी कुरीति को मिटाने के लिए राज्य सरकार के निर्देशों की पालना में सभी उपखण्ड अधिकारी पूरी कार्ययोजना के साथ काम करें। इस कार्य में पटवारी, ग्रामसेवक व पुलिस के बीट कांस्टेबल सहित वहां नियुक्त कोई भी सरकारी कर्मचारी के साथ-साथ गांव का जागरूक नागरिक आगे आकर प्रशासन का सहयोग कर सकता है।

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