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नागौर

लोगों में बढ़ रहा है होम्योपैथी के प्रति विश्वास

विश्व होम्योपैथी दिवस – होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति में ज्यादा लोकप्रिय नहीं, लेकिन कई रोगों में होता है कारगर उपचार- होम्योपैथी को अन्य पैथियों के बराबर प्रचलन में लाने के लिए इससे जुड़े लोगों व सरकार को करने होंगे विशेष प्रयास

नागौरApr 11, 2024 / 09:29 am

shyam choudhary

Confidence in homeopathy is increasing among people

Confidence in homeopathy is increasing among people

नागौर. दुनियाभर में किसी भी तरह के इलाज के लिए एलोपैथी, होम्योपैथी, आयुर्वेद, नेचुरोपैथी चिकित्सा पद्धति ही अपनाई जाती है। मौजूदा समय में ज्यादातर लोग एलोपैथी यानी आधुनिक चिकित्सा पद्धति के जरिए ही बीमारी का इलाज कराते हैं। इसका मुख्य कारण है इन इन दवाओं का जल्दी असर करना। लेकिन अब लोगों का होम्योपैथी पद्धति के प्रति विश्वास बढऩे लगा है और भरोसा कर होम्योपैथी से इलाज भी करवा रहे हैं।
पथरी, आर्थराइटिस जैसी बीमारियों पर होम्योपैथी बहुत कारगर है। यही नहीं मलेरिया, टाइफाइड, वायरल बुखार जैसे संचारी रोगों पर भी होम्योपैथी दवाएं असरदार है। त्वचा, धब्बे, दाग और बाल संबंधी मामलों में भी होम्योपैथी में अच्छा इलाज है। लीवर संबंधी बीमारियों में भी होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति लाभकारी है। आज ‘विश्व होम्योपैथी दिवस’ मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के बारे में लोगों जागरूक करना और लोगों को इसके फायदे बताना है। साथ ही होम्योपैथी के क्षेत्र में भविष्य की चुनौतियों को समझना है।

कई जटिल बीमारियों का इलाज
आजकल कई जटिल बीमारियों का इलाज होम्योपैथी के जरिए किया जा रहा है। इसके कारण होम्योपैथी के प्रति लोगों का रुझान भी बढ़ रहा है। होम्योपैथी से जहां कोई नुकसान नहीं होता है, वहीं कई बीमारियों को जड़ से इस पद्धति से मिटाया जा सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार होम्योपैथी ने कई बीमारियों में बेहतर काम किया है। होम्योपैथी से बच्चों से जुड़ी बीमारियां, प्रसूति और स्त्री रोग, मानसिक स्वास्थ्य और जोड़ों का दर्द आदि से संबंधित परेशानी, लिवर से संबंधित परेशानी, एसिडिटी की समस्या, संक्रामक रोगों में इलाज संभव है।

होम्योपैथी के प्रति विश्वास बढऩे के कारण
होम्योपैथी से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि एलोपैथीके बाद होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से इलाज कराने को लेकर लोगों में विश्वास बढऩे के कई कारण हैं। इसमें मुख्य रूप से –
– होम्योपैथी दवा असरकारक है।
– होम्योपैथी को लेकर अब लोगों में जागरुकता आई है।
– एलोपैथिक के साइड इफेक्ट को देखते हुए लोग होम्योपैथी की तरफ आ रहे हैं।
– पहले होम्योपैथी तक आम आदमी की पहुंच नहीं थी, लेकिन अब चिकित्सक बढ़ गए हैं। ब्लॉक स्तर पर चिकित्सक बैठ रहे हैं। नागौर जिले में होम्योपैथी के औषधालय हैं, जहां एक-एक चिकित्सक सेवा दे रहे हैं।
– होम्योपैथिक दवा का कोई नुकसान नहीं है। साथ ही एलोपैथिक व आयुर्वेदिक से दवा सस्ती भी है।

प्रचार-प्रसार की आवश्यकता
पहले की तुलना में अब लोगों में होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के प्रति लोगों में विश्वास बढ़ा है। इसी का परिणाम है कि रोजाना 20 से 22 मरीज आ रहे हैं। छोटी-छोटी बीमारियों में एलोपैथिक दवा लेने की आवश्यकता नहीं है। फिर भी वर्तमान में होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है। इसकी गांवों में आज भी पहुंच नहीं है, यदि प्रत्येक पीएचसी पर एक चिकित्सक उपलब्ध हो जाए और होम्योपैथिक औषधालय खुले तो लोगों को अधिक लाभ मिलेगा।
– डॉ. रामकिशोर, वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी, राजकीय होम्योपैथिक औषधालय, नागौर

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