scriptनागौर में 539 साल पुराना कांच का मंदिर, दरवाजों पर लगे तालों का रहस्य आज भी बरकरार | Patrika News
नागौर

नागौर में 539 साल पुराना कांच का मंदिर, दरवाजों पर लगे तालों का रहस्य आज भी बरकरार

नागौरSep 06, 2024 / 05:46 pm

चंद्रशेखर वर्मा

539 year old glass temple in Nagaur, the mystery of the locks on the doors still remains
1/10
नागौर में 539 साल पुराना कांच का मंदिर, दरवाजों पर लगे तालों का रहस्य आज भी बरकरारदरवाजों का रहस्य आज तक नहीं खुला

539 year old glass temple in Nagaur, the mystery of the locks on the doors still remains
2/10
नागौर. मंदिर में की गई कांच व चांदी की नक्काशी।
539 year old glass temple in Nagaur, the mystery of the locks on the doors still remains
3/10
नागौर. शहर के मच्छियों का चौक स्थित जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव का 539 साल पुराना मंदिर जैन धर्मावलंबियों के साथ देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केन्द्र है। मंदिर में अष्टधातु से निर्मित वर्षों पुरानी भगवान ऋषभदेव की मूर्ति लगी है, जो शहर के खत्रीपुरा स्थित चोरडिय़ा परिवार के घर में निकली थी, जिसकी 539 साल पहले यानी संवत 1541 में इस मंदिर में प्रतिष्ठा की गई। यह मंदिर कांच के काम, नक्काशी, डिजाइन और बनावट के लिए देशभर में प्रसिद्ध है। पूरे मंदिर में कांच और चांदी की अद्भुत नक्काशी होने से मंदिर का नाम ही कांच का मंदिर पड़ गया।
539 year old glass temple in Nagaur, the mystery of the locks on the doors still remains
4/10
 मंदिर में भगवान ऋषभदेव के बाएं भाग में पार्श्वनाथ भगवान और दाएं भाग में आदेश्वर भगवान की प्रतिमाएं स्थापित हैं। 
539 year old glass temple in Nagaur, the mystery of the locks on the doors still remains
5/10
मंदिर में गिरनार, पावापुरी, शत्रुजा महातीर्थ, समेद शिखरजी आदि के वर्षों पुराने पट लगे हुए हैं। मंदिर में कांच की नक्काशी देखने देश भर से जैन समाज लोगों के साथ पर्यटक भी आते हैं। हर महीने दो से ढाई हजार लोग आते हैं, इनमें विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं। रामदेवरा मेले के दौरान दर्शनार्थियों की संया बढ़ जाती है।
539 year old glass temple in Nagaur, the mystery of the locks on the doors still remains
6/10
मंदिर मार्गी ट्रस्ट के अध्यक्ष धीरेन्द्र समदड़िया ने बताया कि कांच का मंदिर नागौर के जैन श्वेतांबर मंदिर मार्गी ट्रस्ट की पेढ़ी है। मंदिर में नक्काशीदार दरवाजे लगे हुए हैं, जिनमें हाथी दांत से नक्काशी की हुई है। दरवाजे में लगे ताले का रहस्य आज तक कोई समझ नहीं पाया हैं। कई कारीगरों को बुलाकर पता करने का प्रयास किया, लेकिन ताला कैसे लगेगा और कैसे खुलेगा, यह पता नहीं चल पाया है।
539 year old glass temple in Nagaur, the mystery of the locks on the doors still remains
7/10
आंगी रचना में लगते हैं तीन से चार घंटे
पर्युषण पर्व में रोजाना भगवान की प्रतिमा पर आंगी रचना की जाती है। यह कार्य जैन समाज के नितेश तोलावत, अभिषेक चौधरी, सुमित चोरड़िया, सौरभ सुराणा, अर्पित तोलावत व गजेन्द्र सुराणा करते हैं। 
539 year old glass temple in Nagaur, the mystery of the locks on the doors still remains
8/10
 आंगी रचना में रोजाना तीन से चार घंटे का समय लगता है।
539 year old glass temple in Nagaur, the mystery of the locks on the doors still remains
9/10
अनूठा है माळ महोत्सव
मंदिर के पुजारी हेमंत एवं मुनीम गोरधनदास ने बताया कि पूरे भारत में अकेले नागौर के इस मंदिर में ही माळ महोत्सव मनाया जाता है ऋषभदेव की अष्टधातु की मूर्ति
539 year old glass temple in Nagaur, the mystery of the locks on the doors still remains
10/10
 यह संवत्सरी से एक दिन पहले मनाया जाता है। इसमें भगवान को माला पहनाने वाले व्यक्ति का शहर में जुलूस निकालकर घर तक पहुंचाया जाता है।



Hindi News / Photo Gallery / Nagaur / नागौर में 539 साल पुराना कांच का मंदिर, दरवाजों पर लगे तालों का रहस्य आज भी बरकरार

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.