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उन्होंने कहा कि हमको बहुत चिंता है इस विषय में धर्मांतरत लोगों ने आपके कैमरा राज के सामने उनको हत्या की धमकी दी और 51 लाख रुपये के पुरस्कार की घोषणा की थी। अगर उन लोगों को उसी समय गिरफ्तार करके कार्रवाई कर दे तो शायद कमलेश तिवारी आज हमारे बीच में होते। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि उनका फेस नहीं पहचाना गया। उनको सिक्योरिटी नहीं दी गई। इसके लिए जो भी अफसर दोषी है, जांच के बाद उनको दंड मिलना चाहिए। क्या वैचारिक मतभेद का हाल हिंसा होता है। अगर ऐसा मान लिया कि हत्या होता है तो इस देश में फ्रीडम ऑफ एस्परेंस नहीं रहेगा। इसलिए इसके बारे में भी हमको सोचना है। हम इस मामले में तब तक निगाह रखेंगे, जब तक अपराधी को पकड़कर उन पर मुकदमा कायम करके उसका ट्रायल पूरा नहीं हो जाता है। वह फांसी के तख्ते पर लटके ऐसा होने तक हम इस मामले पर निगाह और दबाव बनाकर रखेंगे।
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वहीं, बाबरी मस्जिद- राम जन्मभूमि विवाद पर उन्होंने कहा कि हमारा दावा मजबूत तथ्यों पर आधारित है। मानो हम साबित कर चुके हैं। हमारे वकीलों ने जमकर बहस की। हिंदू समाज निश्चित रूप से इसमें विजई होगा और अगले वर्ष तक मंदिर का निर्माण संभव हो सकेगा। मैंने आपको कहा कि मैं गोरखपुर की घटना पर चिंतित हूं। लखनऊ की घटना पर चिंतित हूं। केवल हिंदू नेता की घटना पर चिंतित नहीं हूं, मुजफ्फरनगर में भी जो हत्या हुई है, मैं उस पर भी चिंतित हूं। कानून के शासन में लोग प्राण ले और देकर के मामलों को हल नहीं कर सकते। मैं मानता हूं कि ऐसे तीनों मामलों में त्वरित जांच होगी और अपराधी पकड़े जाएंगे और दंडित होंगे।