सावन में भूलकर भी भोलेबाबा को न चढ़ाएं ये 7 चीजें वरना बनना पड़ेगा भगवान शिव के कोप का भाजन दरअसल, शिव भक्त राहुल के अंधे दादा-दादी की इच्छा थी कि वह भी हरिद्वार की यात्रा कर पवित्र गंगाजल लेकर भगवानश शिव का जलाभिषेक करें। अपने दादा-दादी की इच्छा पूरी करने के लिए श्रवण बना पोता राहुल अपने दादा और दादी दोनों को टोकरी में बिठाकर उनकी मनोकमना पूरी करने में लगा है। मेरठ के गांव जंघेड़ी निवासी राहुल ने बताया कि दादा 92 वर्षीय छोटेलाल और दादी कश्मीरी नेत्रहीन हैं। उन्होंने पोते राहुल से हरिद्वार से पवित्र गंगाजल लाने की इच्छा जताई थी। इसके बाद उसने प्रण किया कि वह अपने बुजुर्ग दादा-दादी की इच्छा जरूर पूरी करेगा। इसके बाद राहुल ने अपने मामा सोहनवीर और अंकित के साथ दादा-दादी को लेकर हरिद्वार पहुंचा और वहां से गंगाजल लेकर 22 जुलाई को कांवड़ यात्रा शुरू की थी।
सावन में 20 साल बाद बन रहा यह दुर्लभ संयोग, इस महीने शिव की भक्ति करेंगे एेसे तो मिलेगा मनोवांछित फल शनिवार को राहुल कांवड़ में दादा-दादी को बिठाकर मुजफ्फरनगर पहुंचा। अपने कंधों पर वृद्ध मां-बाप के बोझ को उठाए ये कलयुग का श्रवण कुमार अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहा है। इस नजारे को देखने के लिए लोगों का तांता लगा है। ये नजारा श्रवण कुमार की याद दिला रहा है। आज भले ही बच्चे अपने माता-पिता का ध्यान रख पाने में पिछड़ रहे हों, लेकिन कलयुग के इस श्रवण का अपने दादा-दादी के प्रति ये भाव देखकर उन बच्चों के लिए ये संजीवनी का काम करेगा, जो अपने माता-पिता के प्रति अपने आदर्शों को भूलकर आधुनिक युग में जी रहे हैं। राहुल ने बताया कि वह मेरठ के ओघड़नाथ मंदिर में दादा-दादी के साथ जल चढ़ाएगा।