दरअसल, जनपद मुजफ्फरनगर में थाना सिविल लाइन तथा क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने एक ऐसे हाई प्रोफाइल अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह का खुलासा किया है। जो यूपी दिल्ली में हरियाणा सहित कई राज्यों से चुराई गई लग्जरी कारो पर OLX पर बिकने वाली गाड़ियों के नंबर चुराकर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर गाड़ियों को बेचते थे। पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर अर्पित अग्रवाल पुत्र स्वर्गीय आलोक अग्रवाल निवासी कंबल वाला बाग नई मंडी तथा विनोद कुमार पुत्र शांति स्वरूप निवासी मुनीम कॉलोनी नई मंडी मुजफ्फरनगर को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से दो तमंचे, कारतूस, दो मारुति ब्रेजा कार, एक स्विफ्ट कार, दो बुलेट मोटरसाइकिल, एक प्लैटिना मोटरसाइकिल, एक्टिवा तथा फर्जी नंबर प्लेट भी बरामद की है।
एसएसपी ने बताया कि विनोद कुमार ने पूछताछ में बताया कि वह पहले नई मंडी में गुड़ का व्यापार करता था। इसके बाद वह शेयर मार्केट में पैसा लगाने लगा। घाटा होने पर उसने काफी लोगों से पैसा उधार लेकर शेयर मार्केट में लगा दिया मगर यहां भी उसकी किस्मत ने साथ नहीं दिया, जिसके चलते उसका घाटा बढ़ता चला गया और लोगों ने अपने पैसे मांगने शुरू कर दिए। विनोद पैसे देने की स्थिति में नहीं था। इसी बीच उसका संपर्क विशाल कश्यप पुत्र मांगा उर्फ मांगेराम निवासी शांति नगर कूकड़ा अर्पित अग्रवाल पुत्र स्वर्गीय आलोक अग्रवाल निवासी कंबल वाला बाग नई मंडी के साथ हुआ।
तीनों ने मिलकर राम प्लाजा में ऑफिस खोला तथा शेयर मार्केट का काम करने की आड़ में लोगों को चोरी के वाहन बेचने शुरू कर दिए। विशाल कश्यप पूर्व में भी वाहन चोरी तथा लूट के मुकदमे में जेल जा चुका है। यह गिरोह नोएडा, गाजियाबाद तथा दिल्ली आदि जगह से चोरी कर लाई गई गाड़ियों पर ओएलएक्स तथा अन्य वेबसाइटों में बिकने वाले वाहनों के रजिस्ट्रेशन आदि की जानकारी लेकर वही नंबर चोरी की गाड़ियों पर लगा कर लोगों को बेच देते थे।
उन्होंने बताया कि अभियुक्त विशाल को इसी प्रकार के प्रकरण में थाना सिहानी गेट गाजियाबाद की पुलिस द्वारा भी गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, जिसके कब्जे से कई लग्जरी कारें बरामद हुई थी। गिरोह का एक सदस्य विशाल कश्यप कैराना विधानसभा सीट पर एक बडे राजनीतिक दल के टिकट पर चुनाव लडने का प्रयास कर चुका है, जबकि दूसरा सदस्य अर्पित सभासद पद का चुनाव लड चुका है। सूत्रों का कहना है कि अर्पित अग्रवाल जिले के एसएसपी और सीओ सहित कई थानेदारो का भी नजदीकी रहा है और जनपद से 2 पूर्व एसएसपी से नजदीकी सम्बन्ध होने के कारण पुलिस विभाग में चर्चाओं में रहता था जिस कारण पुलिस कर्मियों की इस शातिर वाहन चोर अर्पित अग्रवाल के गिरहवान तक हाथ डालने की हिम्मत नहीं होती थी। जनपद में नए कप्तान द्वारा चार्ज संभालने के 1 माह बाद ही आरोपी की करतूत का खुलासा करते हुए सलाखों के पीछे भेज दिया।