गैस पर खाना बना रही थी महिला, अचानक रेगुलेटर में लग गई आग उसके बाद…
आखिर में पीड़िता व उसके परिवार वाले रात को एक बजे पीड़ित महिला व उसके बच्चे को लेकर जिला चिकित्सालय पहुंचे, जहां उनका उपचार चल रहा है। वहीं अधिकारी जांच के बाद लापरवाही बरतने वाले लोगों पर कार्रवाई की बात कर रहे हैं। दरअसल मामला बुढ़ाना सीएचसी का है, जहां देर रात थाना रतनपुरी क्षेत्र के गांव भनवाड़ा निवासी यूसुफ अपनी गर्भवती पत्नी फरजाना व परिवार की दो अन्य महिलाओं के साथ सीएचसी में पहुंचा था। जहां उसने अपनी पत्नी को भर्ती करने की गुहार हॉस्पिटल में तैनात स्टाफ से लगाई। स्टाफ ने प्रसव पीड़ित फरजाना को भर्ती करने के बजाय धक्के देकर सीएचसी से बाहर निकाल दिया। फरजाना अपने पति व परिवार की अन्य महिलाओं के साथ सीएचसी से मात्र 100 मीटर ही चली थी कि फरजाना ने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दे दिया।
पीएम मोदी के इस अभियान की मेरठ में खुली पोल तो भड़के कमिश्नर ने दिए ये आदेश
सड़क पर बच्चे के जन्म के बाद परिवार वालों में हड़कम्प मच गया। फरजाना के परिवार के लोग दुबारा से मदद के लिए सीएचसी पहुंचे, लेकिन सीएचसी में तैनात स्टाफ ने मदद करने के बजाय फिर से उन्हें टरका कर भगा दिया। यूसुफ पुलिस की मदद से अपनी पत्नी और नवजात बच्ची को लेकर जिला चिकित्सालय पहुंचा, जहां जच्चा व बच्चा दोनों का इलाज चल रहा है। वहीं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एसके अग्रवाल ने जांच के बाद संबंधित सीएचसी कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है। इस घटना से साफ है कि एक ओर जहां सरकार स्वास्थ्य विभाग का कई हजार करोड़ों का सलाना बजट लाकर गरीब लोगों को निशुल्क सुविधा मुहैय्या कराती है। वहीं इसी विभाग में तैनात कर्मचारी उनकी इन योजनाओं को पलीता लगाकर सरकार को फ्लॉप करने में जुटे हुए हैं।