सूली वाला बाग का इतिहास मामला मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) के पुरकाजी थानाक्षेत्र के हरी नगर गांव का है। वहां पर भारी-भरकम तोप निकलने की सूचना से हड़कंप मच गया है। सूचना पर पहुंची थाना पुरकाजी पुलिस व पुरकाजी के चेयरमैन जहीर फारुखी ने किसान यूनियन के सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचकर तोप को जेसीबी की सहायता से जमीन से बाहर निकाला। जहीर फारुखी ने बताया कि यह तोप ब्रिटिश शासन काल की है। इस तोप को फिलहाल पुरकाजी में सूली वाला बाग पर लाया गया है। सूली वाला बाग में सन् 1857 में अंग्रेजों ने कई हिंदुस्तानियों को फांसी पर चढ़ाया था। उसी सूली वाला बाग में अब इस तोप को रखा जाएगा। अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमित सिंह ने बताया कि तोप का वजन करीब 60 कुंतल है। उन्होंने उच्च अधिकारियों को इससे अवगत करा दिया है। फिलहाल इस तोप को पुलिस और ग्रामीणों की देखरेख में सूली वाला बाग में ही रखा जा रहा है।
एसएसपी और डीएम के रखी हैं दो तोप भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि यह अंग्रेजी शासन की तोप है। जब सूली वाला बाग में लोगों को सूली पर लटकाया गया था, यह उसी समय के हथियार हैं। हरि नगर में पहले भी तीन तोप निकल चुकी हैं। आज यह निकली है। हम 5 साल से इसकी निगरानी कर रहे थे आज किसान के खेत खाली हुए तो खुदाई के समय यह तोप निकल आई। यह यहां के शहीदों के शौर्य का प्रतीक है। सूली वाला बाग में 400 से ज्यादा लोग शहीद हुए हैं। उनके सम्मान में यह तोप रखी जाएगी। इससे पहले जो तोप हरिनगर से निकली थी, उनमें से एक एसएसपी (SSP) और एक डीएम (DM) के यहां पर रखी है। अगर प्रशासन इसे यहां से हटाने का प्रयास करेगा, तो उन तोपों को भी वहां से हटा दिया जाएगा।