बाईपास से खतौली भेजा पुलिस ने गोल्डन बाबा को शहर के शिव चौक से नहीं गुजरने दिया। उनको सीधे बाईपास से खतौली भेजा गया। इस वजह से उन्हें शहरवासी नहीं देख पाए। पुलिस ने गोल्डन बाबा को बाईपास की ओर से हाईवे की तरफ रवाना कर दिया। पिछले वर्ष तक गोल्डन बाबा शिव चौक से होकर गुजरते थे। मुजफ्फरनगर में हाईवे पर गोल्डन बाबा की 26वीं कांवड़ यात्रा को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी।
25 किलो सोना पहनने की जताई थी इच्छा इस बार सुधीर कुमार मक्कड़ उर्फ गोल्डन बाबा 16 किलो सोना पहनकर कांवड़ लाए हैं। जबकि पिछली बार उन्होंने 21 किलो सोना पहना था। पिछली कांवड़ यात्रा में उन्होंने 25 किलो सोने के जेवर पहनने की इच्छा जताई थी लेकिन गले का ऑपरेशन होने के चलते वह केवल 16 किलो सोने के जेवर ही पहन पाए। इस बार उनके साथ चलने वाला 300-400 लोगों को काफिला भी काफी कम दिखा। मुजफ्फरनगर नगर पहुंचे बोल्डन बाबा के साथ। इस साल काफिले में करीब 85 लाेग और एक पुलिस एस्कॉर्ट थी। उनके साथ निजी सुरक्षाकर्मी भी शिवभक्त कांवड़ियों के रूप में गाड़ी के साथ चलते हैं। पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए उनको प्रवेश नहीं करने दिया। माना जा रहा है कि अगर गोल्डन बाबा शहर से गुजरते तो उन्हें देखने के लिए भीड़ लग जाती। इससे कांवड़ यात्रा में दिक्कत आ सकती थी।
यह कहा गोल्डन बाबा ने खतौली में गोल्डन बाबा ने कहा कि वह हरिद्वार से दिल्ली जा रहे हैं। इससे पहले वह 25 कांवड़ ला चुके हैं। पिछली बार उन्होंने इसकी सिल्वर जुबली मनाई थी। इस बार वह 26वीं कांवड़ लाए हैं। उनकी तबीयत खराब है। इसके बावजूद वह कांवड़ लेकर आए हैं। भोलनाथ का नाम लेकर चल रहे हैं। वह सोना ज्यादा पहनते हैं इसलिए उन्हें गोल्डन बाबा कहा जाता है। जब उन्होंने कांवड़ लानी शुरू करी थी, तब सोने का भाव 207 रुपये तोला था। उस समय वह तीन-चार तोला सोना पहनते थे। अब अब किलो के हिसाब से पहनते हैं। वह इसको कीमती नहीं मानते हैं। इस बार उनके गले का ऑपरेशन हुआ है। डॉक्टर ने उनको जेवर नहीं पहनने काे कहा है। इस बार वह केवल 16 किलो पहनकर आए हैं।
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