मुजफ्फरनगर ( Muzaffarnagar ) दिल्ली ( Delhi Red Fort ) की घटना के बाद कमजाेर हाे रहे किसान आंदाेलन के लिए गाजीपुर की घटना संजीवनी बन गई। किसान नेता राकेश टिकैत ने भी धरना स्थगित करने की बात कह दी थी लेकिन बॉर्डर पर पुलिस के साथ भाजपा के विधायक पहुंच गए। यहां किसानाें और भाजपा विधायक के बीच मामला बिगड़ गया और मीडिया से बातचीत करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत रो-पड़े। राकेश टिकैत के इन्ही आंसुओं ने किसानाें काे झकझाेर दिया। अपने नेता काे राेते हुए देख किसान आंदाेलन के लिए खड़े हाे गए और बड़ी संख्या में मुजफ्फरनगर की महापंचायत ( mahapanchayat ) में पहुंचकर साबित कर दिया कि आंदाेलन अब नई मजबूती के साथ चलेगा।
किसान आंदोलन में विपक्ष की एंट्री के बाद मेरठ जोन में हाईअलर्ट
गाजीपुर की घटना के बाद रात में ही राकेश टिकैत के पैतृक गांव सिसाैली में एक आपात पंचायत बुलाई गई जिसमें शुक्रवार काे मुजफ्फरनगर में महापंचायत बुलाने का निर्णय हुआ। शुक्रवार काे मुजफ्फरनगर के जीआईसी मैदान में सुबह से ही किसानों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया। विपक्ष भी किसानाें के साथ खड़ा हाे गया। महापंचायत में किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत के अलावा, राष्ट्रीय लोक दल के उपाध्यक्ष (Jayant Chaudhary ) जयंत चाैधरी, आप पार्टी के सांसद ( Sanjay Singh ) संजय सिंह, कांग्रेस (Congress leader ) के वरिष्ठ नेता इमरान मसूद ( Congress s leader imran masood ) और सपा विधायक नाहिद हसन ( MLA Nahid Hasan )के अलावा पूर्व सांसद अमीर अलाम, पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक भी पहुंचे और भाजपा पर गंभीर आराेप लगाते हुए कहा कि भाजपा अपने विधायकों के जरिए जातीय दंगा भड़काने की काेशिश कर रही है किसानाें काे दबना चाहती है।